6. शहरीकरण और शहरी जीवन ( Shahrikaran aur Shahri Jeevan )
शहरीकरण का अर्थ: किसी गाँव का शहर या कस्बे के
रूप में विकसित होने की प्रक्रिया।
गाँव और शहर में अंतर-
गाँव-
- गाँव की आबादी कम होती है।
- गाँव में खेती और पशुपालन
मुख्य आजीविका है।
- गाँव की वातावरण स्वच्छ
होती है।
- गाँव में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव होता है।
शहर-
- शहर की आबादी अधिक होती है।
- शहर में व्यापार और उत्पादन
मुख्य आजीविका होती है।
- शहर की वातावरण प्रदुषित
होती है।
- शहर में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ उन्नत अवस्था में होती है।
- गाँव से शहरों का विकास एक
वृहत प्रक्रिया है जो कई शताब्दीयों पर फैली है।
- शहरीकरण की प्रक्रिया बहुत
लम्बी रही है लेकिन आधुनिक शहर के उदय का इतिहास लगभग 200
वर्ष पुराना है।
कस्बा- कस्बा ग्रामीण अंचल में एक छोटे
नगर को माना जाता है जो आधिकाशतः स्थानीय विशिष्ट व्यक्ति का केन्द्र होता है।
गंज- एक छोटे स्थायी बाजार को कहा
जाता है। कस्बा और गंज दोनों कपड़ा, फल, शब्जी तथा दूध उत्पादों से संबंद्ध
थे।
महानगर- किसी प्रांत या देश का विशाल और
घनी आबादी वाला शहर जो प्रायः वहाँ की राजधानी भी होता है।
टेनेमेंट्स- कामचलाऊ और अक्सर बेहिसाब भीड़
वाले अपार्टमेंट मकान। ऐसे मकान बड़े शहरों के गरीब इलाके में अधिक पाए जाते हैं।
सामाजिक बदलाव और शहरी जीवन
व्यक्तिवाद- वह सिद्धांत जिससे समुदाय की
नहीं बल्कि व्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार को स्वीकार किया जाता है।
- सभी वर्ग के लोग बड़े शहरों
की ओर बढ़ने लगे।
- शहरी सभ्यता ने पुरूषों के
साथ महिलाओं में भी व्यक्तिवाद की भावना को उत्पन्न किया एवं परिवार की
उपादेयता और स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया।
- महिलाओं के मताधिकार आंदोलन
या विवाहित महिलाओं के लिए संपिŸा में अधिकार आदि के लिए
आंदोलन चलाए गए।
- 1870 के बाद से महिलाओं ने
राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले पाई।
- द्वितीय विश्व युद्ध के समय
पश्चिमी देशों में महिलाओं ने कारखानों में काम करना प्रारंभ किया।
लैसेज फेयर- आर्थिक उन्मुक्तवाद था जिसमें
सरकार का किसी रूप में हस्तक्षेप नहीं था एवं पूँजीपतियों को पूरी स्वतंत्रता थी।
मध्यम वर्ग- शहरों के उद्भव ने मध्यमवर्ग को
भी शक्तिशाली बनाया। इस वर्ग में शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेट्स आते थे।
औपनिवेशिक भारतीय शहर- मुम्बई
- भारत में 20वीं शताब्दी के शुरूआत में केवल 11 प्रतिशत लोग शहरों में रहते
थे।
- बम्बई भारत का एक प्रमुख
शहर था।
- शुरुआत में बम्बई सात टापुओं का इलाका था। जैसे-जैसे
आबादी बढ़ी, इन टापुओं को एक-दूसरे से जोड़ दिया गया ताकि ज्यादा जगह पैदा की
जा सके।
- बम्बई औपनिवेशिक भारत की
वाणिज्यिक राजधानी थी। एक प्रमुख बंदरगाह होने के नाते अन्तर्राष्ट्रीय
व्यापार का केन्द्र था जहाँ से कपास और अफीम जैसे कच्चे माल बड़ी तादाद में
रवाना किए जाते थे।
- शहर के अनियोजित विस्तार के
कारण 1850 ई. तक शहर में आवास और जलापूर्ति की समस्या बढ़ चूकी थी।
- चॉल- बम्बई की बहुमंजिला इमारत।
- 1918 में बम्बई के मकानों के
महंगे किराए को सीमित करने के लिए किराया कानून पारित किया गया।
- भूमि-विकासः दलदली अथवा
डूबी हुई जमीन कोरहने या खेती करने या किसी अन्य काम के योग्य बनाना।
- 20वीं शताब्दी के आने तक जिस प्रकार आबादी तेजी से बढ़ी, अधिक से अधिक जमीन को घेर लिया गया और समुद्री जमीन को विकसित
किया जाने लगा।
- एक सफल भूमि विकास परियोजना
बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के अन्तर्गत शुरु की गई। ट्रस्ट 1914 से 1918 के बीच एक सूखी गोदी का निर्माण किया और उसकी खुदाई से जो
मिट्टी निकली उसका इस्तेमाल करके 22 एकड़ का बालार्ड एस्टेट बना
डाला।
- इसके बाद मशहूर मरीन ड्राइव
बनाया गया।
- बम्बई में आने वाले
अप्रवासियों और उनके दैनिक जीवन में कठिनाई जिसका सामना आम आदमी को करना पड़ता
है।
- निष्कर्षतः शहर के
अन्तर्विरोध के बावजूद शहर ऐसे लोगों को हमे आकर्षित करती है जो स्वतंत्रता
और नए अवसर की तलाश करते हैं जिससे उन शहरों को सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता
मिलती है।
पाटलिपुत्र (पटना)
- प्राचीनकाल में पाटलीपुत्र
के नाम से विख्यात पटना एक महानगर था जिसकी तुलना विश्व के समकालीन
सुप्रसिद्ध नगरों से की जाती थी।
- इसकी स्थापना 6ठी शताब्दी ई.पू. में मगध के शासक अजातशत्रु के द्वारा एक सैनिक शिविर
के रूप में की गई थी। कालान्तर में यह मगध साम्राज्य की राजधानी बना।
- इस नगर की आबादी उस समय चार
लाख थी।
- गुप्त काल में भी इस नगर का
वैभव बना रहा। इसके विशाल भवनों के वैभव और सौन्दर्य की चर्चा चीनी यात्री
फाहियान द्वारा गई है।
- मध्य युग में इस नगर के
गौरव को सुप्रसिद्ध अफगान शासक शेरशाह सूरी ने पुनर्स्थापित किया। उसने 1541 ई. के लगभग गंगा और गंडक नदी
के संगम के पास एक दूर्ग बनवाया क्योंकि उस स्िान के सैनिक महत्व को उसे आभास
था।
- अकबर के शासनकाल तक यह नगर
एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र बन चुका था।
- 1666 ई. में सिखों के दसवें और
अन्तिम गुरु श्री गोविन्द सिंह जी का जन्म हुआ जिस कारण यह नगर एक महत्वपूर्ण
धार्मिक स्थल भी माना जाता है।
- 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में मुगल राजकुमार अजीमुशान ने इस नगर
का नव निर्माण किराया और इसे अजीमाबाद नाम दिया।
- 1911 ई. के दिल्ली दरबार में बिहार
को पृथक राज्य का रूप दिया गया।
- 1912 ई. में बिहार एवं उड़िसा को
बंगाल से पृथक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।
- वर्तमान पटना की आबादी 12 लाख से अधिक है और इसका क्षेत्र 250 वर्ग किमी है।
- कोलकाता के बाद यह पूर्वी
भारत का सबसे बड़ा नगर है और आबादी के घनत्व के दृष्टिकोण से यह भारत का 14वाँ सर्वाधिक आबादी वाला नगर है। वर्तमान में यह शिक्षा और
व्यापार का महत्वपूर्ण केन्द्र है।
- शहरीकरण की प्रक्रिया लंबी
रही है।