अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. बाढ़ के समय निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना चाहिए?
(क) ऊंची भूमि वाले स्थान पर (ख) गांव के बाहर
(ग) जहां है उसी स्थान पर ( घ) खेतों में
2. मालवी के नीचे दबे हुए लोगों को पता लगाने के लिए किस यंत्र की मदद ली जाती है?
(क) दूरबीन (ख) इंफ्रारेड कैमरा
(ग) हेलीकॉप्टर (घ) टेलिस्कोप
3. आज से जलने की स्थिति में जले हुए स्थान पर क्या प्राथमिक उपचार करना चाहिए?
(क) ठंडा पानी डालना चाहिए। (ख) गर्म पानी डालना चाहिए
(ग) हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए। (घ) इसमें से कोई नहीं
4. बस्ती /मकान में आग लगने की स्थिति में क्या करना चाहिए?
(क) अग्निशामक यंत्र को बुलाना (ख) दरवाजे खिड़कियां लगाना
(ग) अग्नि मुझ पर इंतजार करना ( घ) इसमें से कोई नहीं
5. सुनामी किस स्थान पर आता है?
(क) स्थल ( ख) समुद्र
(ग) आसमान ( घ) इसमें से कोई नहीं
उत्तर:- 1.→ (क), 2.→ (ख), 3.→ (क), 4.→ (क), 5.→ (ख)।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न1. जीवन रक्षक अस्मिता प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - बाढ़ की स्थिति में बनाए जाने वाले आश्रमिक प्रबंधन जान- माल तथा मवैशियो की सुरक्षा प्रदान करता है। न की बाढ़ को रोकता है । बाढ़ को रोकने की प्रक्रिया तो बाढ़ आने के पहले ही है। अब तो जैसे भी है वह रहे मनुष्यों और मवैशियो को बचाने की प्राथमिकता होनी चाहिए। बचे हुए लोगों और मवेशियों को ऊंचे -स्थानों पर पहुंच कर उन्हें रहने और खाने पीने की व्यवस्था करनी पड़ती है।यदि किसी को चिकित्सा सुविधा चाहिए तो उसे मुहैया कराना पड़ता है।
प्रश्न 3. भूकंप पर सुनामी की स्थिति में आत्मिक प्रबंधन की चर्चा संक्षिप्त में कीजिए।
उत्तर:- भूकंप एक सुनामी, दोनों ही स्थितियों मे बचे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना होता है। सर्वप्रथम राहत कैंपों की व्यवस्था हो जहा इन्हें रखा जा सके। वहा उनके ठहरने खाने पीने के साथ-साथ चिकित्सा की व्यवस्था भी रहे। भूकंप में मालवे लोगों को निकालना पड़ता है, जबकि सुनामी में बह रहे लोगों को बचाना पड़ता है। सुनामी ग्रस्त बहुत लोग नारियल के वृक्ष पर लटक कर जान बचाते हैं, उन्हें सुरक्षित उतार कर राहत कैंप में पहुंचाना पड़ता है।
प्रश्न 4. आकस्मिक प्रबंधन से स्थानीय प्रशासन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर:- आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण ही नहीं ,अति आवश्यक भी है। कारण है कि स्थानीय लोग निर्वाचित रहते हैं और स्थान विशेष के चप्पे-चप्पे से वाकिफ रहते हैं। स्थानीय प्रशासन के लोगों को चाहिए कि वे राहत शिविरों का निर्माण करें। राहत शिवरों में बचाव के लिए सभी सामानों का रहना आवश्यक है। भोजन-पानी से लेकर चिकित्सा आदि की व्यवस्था करनी चाहिए। केवल दिखावा के लिए काम नहीं, काम के लिए काम हो। इस प्रकार स्थानीय प्रशासन यदि चाहे तो बहुत कुछ कर सकता है।
प्रश्न 5.आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंध करना चाहिए उल्लेख करें।
उत्तर:- आग लगने की स्थिति में सर्वप्रथम अग्निशामक यंत्र वालों को बुलाने का प्रबंध करना चाहिए ।अग्नि शामक यंत्र के आने तक निकट में रखे बालू, कुएं और तालाबों में से जल निकालकर आग बुझाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि आग अधिक फैल नहीं।आग फंसे लोगों को बाहर निकलने का प्रयास होना चाहिए। जो लोग जल चुके हैं उनके जेले भाग पर जल्दी से ठंडा पानी डालना तथा बर्फ से सहलाने चाहिए ।तत्पश्चात बोर्नल का लेप लगाना चाहिए। अधिक जले लोगों को यथाशीघ्र निकट के अस्पताल में पहुंचा देना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.जीवन रक्षक असीमित प्रबंधन से आप क्या समझते हैं ।
उत्तर:- जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से तात्पर्य है कि आपदा की घड़ी में जीवन रक्षा का उपाय किया जाए। आकस्मिक प्रबंधन किसी प्रशासन की सफलता की कसौटी है। इसके अंतर्गत आपदा के आते ही प्रभावित लोगों को आपदा से निजात दिलाना प्रथम और प्रमुख उद्देश्य होता है। बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का तरीका अलग है जबकि भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का तरीका अलग है।
(1) बाढ़ की स्थिति में आसत्मिक प्रबंधन- बाढ़ आने पर पहली प्राथमिकता लोगों और मवेशियों को बचाना होना चाहिए। लोगों को नाव पर बिठाकर या तैराकों की मदद से बेहते लोगों को किनारे पर पहुंचना होता है।पूर्ण उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना होता है। उसके बाद घर में बच रही संपत्ति के साथ मवेशियों को निकालने को प्राथमिक देनी चाहिए।सुरक्षित स्थान गांव के बाहर रेलवे लाइन, सड़क या तटबंधन हो सकते हैं।और लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों को पहुंचकर उनके भोजन पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था की जाए। बाढ़ के कारण विषैला जंतु भी उच्च स्थानों की खोज में बिलबिलाते रहते हैं। उनसे भी बचाव का प्रबंध होना चाहिए। बाढ़ का पानी उत्तर जाने के बाद कुओ के जल को शुद्ध करना तथा यंत्र तंत्र ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव होना चाहिए। इतना हो जाए तो उसे सफल प्रबंधन मानना चाहिए।
(2)भूकंप किस स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन:- भूकंप के बाद तीन कामों पर ध्यान दिया जाता है। वे है : बच्चे भी लोगों को राहत कैंप में ले जाना और उनकी प्रारंभिक
आवश्यकताओं की पूर्ति करना, मलवे में दबे लोगों को निकालना तथा मृत लोगों और पशुओं को जमीन में गाड़ देना या जला देना। महामारी फैलने की आशंका पर उसे रोकने का प्रबंध करना।
(3) सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन:- सुनामी की स्थिति में बह रहे लोगों को बचाना और उन्हें राहत शिविरों में पहुंचना पहला काम होना चाहिए। जो लोग मृत्यु को प्राप्त हो गए हो गए हो उन्हें उचित क्रिया द्वारा उनकी लाश को निबटाना। बचे हुए लोगों को भोजन पानी का प्रबंध करना।
प्रश्न 2. आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका का विस्तार से उल्लेख कीजिए।
उत्तर :- जिस प्रकार स्थानीय प्रशासन में स्थानीय लोग रहते हैं वैसे ही स्वयंसेवी संस्थानों में भी स्थानीय लोग ही रहते हैं। इन लोगों को मालूम रहता है कि किसी आपदा में कैसा प्रबंध किया जाए। उसे क्षेत्र के चप्पा चप्पा से वे परिचित होते हैं।उन्हें मालूम रहता है कि कहां पर अधिक लोग फंसे होंगे और उन्हें कहां पहुंचा जाए,जिससे वे सुरक्षित रह सके। उनको मदद पहुंचाना भी उनके लिए आसान होता है। यह काम केवल युवक ही कर सकते हैं। अतः उन्हें को आगे रखना चाहिए।बल्कि को पहले से ही परीक्षित करके रखा जाए तो और भी आसानी होगी। स्वयंसेवी संस्थाओं के युवकों को आपदा प्रबंधन को अपनी जीवनचर्या का एक अंग समझना चाहिए। स्वयंसेवी संस्था गांव के युवकों ओर वहां का स्थानीय प्रशासन जैसे ग्राम पंचायत के प्रबंधन के बीच समय होना चाहिए तभी वह आकसत्मिक प्रबंधन से सफल हो सकते हैं। ऐसे प्रबंधन में जाति और धर्म के ऊपर उठकर काम करना चाहिए। मिलजुलकर आपदा से लड़ने का संदेश देश भर में फैलाना चाहिए। यह संदेश विद्यालय के छात्रों द्वारा आसानी से फैलाया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह राहत शिविरों की स्थापना करें। वहां राहत के सभी उपकरण तथा प्राथमिक उपचार के समान रहने चाहिए एंबुलेंस तथा चिकित्सकों तथा अग्निशमन या यत्रों को सदैव तत्पर रहना चाहिए।
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