अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. इनमे से कौन प्राकृतिक आपदा नहीं है ?
(क) सुनामी (ख) बाढ़ (ग) आतंकवाद (घ) भूकंप
2. इनमे से कौन मानवजनित आपदा है ?
(क) सांप्रदायिक दंगे (ख) आतंकवाद (ग) महामारी (घ) इनमे सभी
3. सुनामी का प्रमुख कारण क्या है ?
(क) समुद्र में भूकंप का आना (ख) स्थलीय क्षेत्र पर भूकंप का आना
(ग) द्वीप पर भूकंप का आना (घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर- 1. (ग), 2. (घ), 3. (क)
लघू उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आपदा से आप क्या समझते है ?
उत्तर- जिन किन्ही कारणों से मनुष्य और जीव-जंतु संकट में पड़ते है उन कारणों को आपदा कहते है |आपदा कहीं भी और कभी भी प्रकट हो सकती है| आपदाओं से लोग इस कारण संकट में पड़ जाते है, क्योंकि आपदा सूचना देकर नहीं आती | आपदा से बचने का प्रयास करना चाहिए | बचाव का काम व्यक्तिगत नहीं, सामूहिक रूप में किया जाता है |
प्रश्न 2. आपदा कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर- आपदा दो प्रकार की होती है :
(i) प्राकृतिक आपदा (ii) मानव जनित आपदा
(i) प्राकृतिक आपदा - भूकंप, सुनामी, बाढ़, सुखा, आंधी, चक्रवात, बादल का फटना आदि प्राकृतिक आपदा है |
(ii) मानव जनित आपदा - आतंकवाद, लूटपाट, आगलगी, युद्ध, धार्मिक या जातीय दंगे आदि मानव जनित आपदा है |
प्रश्न 3. आपदा प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर- आपदा प्रबंधन की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि इनसे जीवन संकट में पड़ा रहता है | न केवल जीवन संकट में पड़ता है, बल्कि विकास कार्य भी अवरुद्ध हो जाते है | इसके अलावे भी आपदा के आने से अनेक परेशानियाँ उत्पन्न हो जाता है | जीवन को संकट से बचाने, विकास कार्यों को चालू रखने तथा सभी आई परेशानियाँ को दूर करने के लिए आपदा प्रबंधन की आवश्यकता है |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा में अंतर सही उदाहरणों के साथ प्रस्तुत कीजिए |
उत्तर- प्रकृति द्वारा लादी गई आपदाएँ प्राकृतिक आपदा कहलाती है |भूकंप, सुनामी, बाढ़, सुखा, चक्रवात, ओला वृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन जैसी आपदाएँ प्राकृतिक आपदा कहलाती है, जबकि नाभकीय आपदा, रासायनिक आपदा, जैविक आपदा, आतंकी हमला, आगलगी जैसी घटनाएँ मानव जनित आपदाएँ कहलाती है |
प्राकृतिक आपदा भूकंप से पृथ्वी काँपती है और अनेक भवन धराशयी हो जाती है |इस कारण अनेक लोग उसमे दब जाते है |कहीं-कहीं जमीन फट जाती है और ऊपर बालू का ढेर लग जाता है | ऐसे तो भूकंप आते जाते ही रहते है लेकिन 1934 में आया भूकंप बिहार के लिए विनाशकारी साबित हुआ था |
मानव जनित आपदाओं में नाभकीय आपदा बहुत खतरनाक है, जिसे जापान एक बार भोग चूका है | इसका दुष्परिणाम पीढ़ियों तक भोगना पड़ता है | रासायनिक आपदा भी नाभकीय आपदा से मिलता-जुलता है |जैविक आपदा भी रासायनिक आपदा का भाई ही है | ये दोनों नए युद्ध अस्त्र है | आतंकी हमला में नुकसान होता है, लेकिन उतना नहीं जितना उपर्युक्त आपदाओं से होता है | आगलगी मानव की गलती से ही होती है, किन्तु इससे गाँव-के-गाँव जलकर राख हो जाते है | इसमे माल के साथ कभी-कभी कुछ जान भी चली जाती है | यह दुर्घटना अधिकांश गर्मी के मौसम में होती है |
प्रश्न 2. आपदा प्रबंधन की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए आपदा प्रबंधन की आवश्यकता-अनिवार्यता का वर्णन कीजिए|
उत्तर- आपदा प्रबंधन की संकल्पना से तात्पर्य है की आपदा से लोगों को, समाज को बचाया जा सके ताकि अधिक जान-माल की क्षति नहीं होने पावे, सामाजिक सुविधा के लिए चलाए जा रहे विकास कार्यों में कई अवरोध न हो और यदि हो तो उसे रोका जाय |यही कारण है की प्रबन्धन की आवश्यकता तथा अनिवार्यता निश्चित करना जरुरी है |
जहाँ तक बाढ़ की बात है, उत्तर बिहार में कोसी क्षेत्र के लोग उसके अस्भ्यस्त हो गए है और बचाव का उपाय भी स्वयं निकाल लेते है | लेकिन 2008 की बाढ़ ने सारी सीमाएँ तोड़ दीं | इसमे राज्य सरकार ने बहुत ही अच्छा काम किया | सरकार के आलावे स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी अच्छा काम किया | यह बात दूसरी है की केंद्र की कांग्रेसी समाज को सहयोग करना पड़ता है | इसे रोकने के लिए तालाबों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है |
लेकिन सबसे बड़ी बात भूकंप और सुनामी की है जिसे रोक पाना किसी के वश की बात नहीं है | यदि इनसे बचना है तो पहले से लोगो को चेताना पड़ेगा |भूकंप वाले क्षेत्रों में भूकंप रोधी भवन बनाए जायं | इसके लिए ट्रेंड इंजीनियरों की मदद ली जाय | भूकंपरोधी भवन का आकार आयत या वर्ग की तरह होता है |
आपदा प्रबन्धन तभी सफल हो सकता है जब उसमे आमजन की सहभागिता हो | प्रशासन को जो करना होगा करेगा ही, लेकिन प्रबंधन से आमजनों को भी जुड़ना ही पड़ेगा | भूकंप और सुनामी जैसी आपदाओं से बचने का उपाय यह भी हो सकता है की इसके आने का पूर्वानुमान की विधि विकसित की जाय |
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