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Class 10th NCERT Geography Chapter 5 Bihar: Agriculture and Forest Resources | कक्षा 10वीं भूगोल अध्याय 5 (क) बिहार : कृषि एवं वन संसाधन | भारत : संसाधन एवं उपयोग | सभी प्रश्नों के उत्तर

Class 10th NCERT Geography Chapter 5 Bihar Agriculture and Forest Resources  कक्षा 10वीं भूगोल अध्याय 5 (क) बिहार  कृषि एवं वन संसाधन   भारत  संसाधन एवं उपयोग  सभी प्रश्नों के उत्तर

अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

1. बिहार में कितने प्रतिशत क्षेत्र में खेती की जाती है ?
(क) 50 (ख) 60 (ग) 80 (घ) 36.5 
2. राज्य की कितनी प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य में लगी हुई है ?
(क) 80 (ख) 75 (ग) 65 (घ) 86 
3. इनमे से कौन गन्ना उत्पादक जिला नहीं है ?
(क) दरभंगा (ख) पश्चिमी चंपारण 
(ग) मुजफ्फरपुर (घ) रोहतास 
4. बिहार के जुट उत्पादन में 
(क) वृद्धि हो रही है (ख) गिरावट हो रही है 
(ग) स्थिर है (घ) इनमे से कोई नहीं 
5. तम्बाकू उत्पादन क्षेत्र है 
(क) गंगा का उत्तरी मैदान (ख) गंगा का दक्षिणी मैदान 
(ग) हिमालय की तराई (घ) गंगा का दियारा 
6. कोसी नदी घाटी परियोजना का आरंभ हुआ 
(क) 1950 में (ख) 1948 में (ग) 1952 में (घ) 1954 में  
7. गण्डक परियोजना का निर्माण किस स्थान पर हुआ ?
(क) बेतिया (ख) बाल्मिकिनगर (ग) मोतिहारी (घ) छपरा 
8. बिहार में नहरों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई किस जिले में होती है ?
(क) रोहतास (ख) सीवान (ग) गया (घ) पश्चिमी चंपारण 
9. बिहार में कुल कितने अधिसूचित क्षेत्र में वन का विस्तार है ?
(क) 6374 किमी० (ख) 6370 किमी० (ग) 6380 किमी० (घ) 6350 किमी० 
10 कुशेश्वर स्थान किस जिला में स्थित है ?
(क) वैशाली में (ख) दरभंगा में (ग) बेगुसराय में (घ) भागलपुर में 
11. काँवर झील स्थित है 
(क) दरभंगा जिला में (ख) भागलपुर जिला में 
(ग) बेगुसराय जिला में (घ) मुजफ्फरपुर जिला में  
12. संजय गाँधी जैविक उद्यान किस नगर में स्थित है ?
(क) राजगीर (ख) बोधगया (ग) बिहारशरीफ (घ) पटना 
उत्तर- 1. (ख), 2. (क), 3. (क), 4. (ख), 5. (क), 6. (घ), 7. (ख), 8. (क), 9. (क), 10. (ख), 11. (ग), 12. (घ) |

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. बिहार में धान की फसल के उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें |
उत्तर- बिहार में धान की फसल के लिए उपयुक्त सभी भौगोलिक दशाएँ मौजूद है | यहाँ गंगा के उत्तर तथा दक्षिण दोनों भागों में पर्वत जलोढ़ मिट्टी उपलब्ध है | पानी के लिए मौनसून की वर्षा है | वर्षा नहीं होने पर सिंचाई के साधन विकसित किए गए है | वर्षा और सिंचाई के बल पर ही यहाँ तीनों प्रकार के धान उपजता है | खरीफ, अगहनी तथा गरमा | तापमान भी धान की उपज के उपयुक्त रहता है | वैसे धान तो पुरे बिहार में उपजता है, लेकिन इसके मुख्य उत्पादक जिलें है (i) पश्चिम चंपारण, (ii) रोहतास तथा (iii) औरंगाबाद | पश्चिमी चंपारण पहले स्थान पर है तो रोहतास तथा औरंगाबाद क्रमशः दुसरे और तीसरे स्थान पर है |
प्रश्न 2. बिहार में दलहन के उत्पादन एवं वितरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए |
उत्तर- बिहार में भी दलहनी फसलें उपजाई जाती है | दलहनी फसलों में बिहार में अरहर तथा चना काफी पसंद किए जाते है | अत: ये उपजाए भी अधिक जाते है | इनके बाद मसूर, मटर, खेसारी, उड़द का स्थान है | ये सभी पुरे बिहार में उपजाए जाते है, लेकिन पहले स्थान पर पटना, दुसरे स्थान पर औरंगाबाद तथा तीसरे स्थान पर कैमूर जिले आते है | 2006-07 में रब्बी दलहनों की उपज 372 हजार मीट्रिक टन हुई वहीं खरीफ दलहनों की उपज 74 हजार मीट्रिक टन हुई | ये क्रमशः 519.6 हजार हेक्टेयर तथा 87.26 हजार हेक्टेयर भूमि पर बोए गए | ऊपर लिखित तीनों जिलों के अतिरिक्त लगभग सभी जिले कोई-न-कोई दलहनी फसल उगा लेते है |
प्रश्न 3. ''कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है |'' इस कथन की व्याख्या कीजिए |
उत्तर- जैसा की हम जानते है | बिहार एक कृषि प्रधान देश है | यहाँ की 80% आबादी कृषि से जीविका प्राप्त करती है | यहाँ खाद्य, दलहन, तेलहन, व्यापारिक कृषि आदि सभी प्रकार की फसलें होती है | व्यापारिक फसलों में गन्ना, जुट, तम्बाकू, फल, मिर्च, जीरा, धनिया और हल्दी जैसे मसाले भी उपजाए जाते है | फलों में आम, लीची और केला की प्रमुखता है | यत्र-तत्र अमरुद की खेती भी होती है | यदि कृषि न रहे तो बिहार के लोग भूखों मर जाए | अत: स्पष्ट है की ;कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है |'
प्रश्न 4. नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्यों को लिखें |
उत्तर- नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्य निम्नांकित है 
(i) पन बिजली का उत्पादन करना |
(ii) बाढ़ की रोकथाम के साथ ही मनोरंजन-स्थानों को बढ़ाना |
(iii) सिंचाई की व्यवस्था करना तथा मछली-पालन |
(iv) नहरों से सिंचाई तो होती ही है, ये यातायात का साधन भी है |
प्रश्न 5. बिहार में नहरों के विकास से संबंधित समस्याओं को लिखें |
उत्तर- बिहार में नहरों के विकास की समस्याएँ ऐसी है, जिनको चाहकर भी दूर नहीं किया जा सकता है | केवल उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के पश्चिमी जिले ही ऐसे है जहाँ की जमीन समतल और मुलायम है | शेष सभी जमीन ऊबड़-खाबड़, असमतल तथा पथरीली है, जहाँ नहर नहीं खोदी जा सकती | जहाँ नहरें खोदी गई है, वहाँ की समस्या है, नहर से जल रिस कर दोनों ओर की जमीन जलमग्न होकर बेकार हो जाती है | एक समस्या और है | वह है नहरों में गाद का जम जाना, जिसकी सफाई आवश्यक होती है | सफाई करने वाले ठेकेदार कुछ ऐसे ढंग अपनाते है, जिससे नहरों की सफाई के बदले उनकी दुर्गति हो जाती है |
प्रश्न 6. बिहार के किस भाग में सिंचाई की आवश्यकता है और क्यों ?
उत्तर- बिहार के उन भागों में सिंचाई की आवश्यकता होती है, जहाँ वर्षा कम होती है | वास्तव में मानसून की ऋतू चार महीने की होती है, किन्तु वर्षा कभी कभी ही हो पाती है | कहीं कम होती है तो कहीं पर्याप्त और कहीं अधिक | अर्थात समान रूप से सर्वत्र नहीं होती है | जिन भागों में वर्षा नहीं होती या कम होती है, उन भागों में भी सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है | अवर्षण वाले भागों में सिंचाई न की जाय तो फसल मारी जाएगी |
प्रश्न 7. बिहार में वनों के अभाव के चार कारण दें |
उत्तर- बिहार में वनों के अभाव के चार कारण निम्नलिखित है 
(i) बिहार से झारखंड के अलग हो जाना |
(ii) जो वन बच गए उनके संरक्षण पर ध्यान नहीं देना |
(iii) बढ़ी हुई जनसंख्या के लिए अन्नोत्पादन के लिए जमीन हेतु वनों की कटाई |
(iv) सड़कों के चौड़ीकरण तथा रिहायसी मकानों को बनाने हेतु पेड़ों की कटाई |
प्रश्न 8. संक्षेप में शुष्क पतझड़ वन की चर्चा कीजिए |
उत्तर- शुष्क पतझड़ वन शुष्क मौसम के आते ही अपने पत्ते गिरा देते है और पूर्णत: ढूठ से दिखाई देने लगते है | लेकिन तुरंत वसंत के आते ही नए पत्ते निकल आते है और पेड़ हरे-भरे दिखने लगते है | बिहार के पूर्वी मध्यवर्ती भाग तथा दक्षिण-पश्चिम भागों में इसी प्रकार के वन मिलते है | खासकर कैमूर तथा रोहतास जिलों में शुष्क-पतझड़ वनों का विस्तार है | ऐसे वन के मुख्य वृक्ष है - पलास, शीशम, नीम, अमलतास, खैर, हर्रे, बहेड़ा, महुआ इत्यादि |
प्रश्न 9. बिहार के ऐसे जिलों के नाम लिखिए जिन जिलों में वन-विस्तार एक प्रतिशत से भी कम है |
उत्तर- निम्नलिखित जिलों में वनों का विस्तार एक प्रतिशत से भी कम है-
सिवान, सारण, बक्सर, पटना, गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगुसराय, मधेपुर, खगड़िया, नालन्दा इत्यादि |
प्रश्न 10. बिहार में स्थित राष्ट्रिय उद्यान एवं अभयारण्यों की संख्या बताएँ और दो अभयारण्यों की चर्चा करें |
उत्तर- बिहार में केवल एक राष्ट्रिय उद्यान है, जो पटना में अवस्थित है तथा जिसका नाम संजय गाँधी जैविक उद्यान है | बिहार में अभयारण्यों की संख्या 14 है | इसमें दो प्रसिद्ध है | पहला है बाल्मीकि नगर बाघ अभयारण (पश्चिम चंपारण) तथा दूसरा है कुशेश्वर स्थान पक्षी अभयारण्य (दरभंगा) |
बाल्मीकि नगर बाघ अभयारण्य में बाघों की रक्षा की जाती है | उनके शिकार को पुरे तरह वर्जित माना गया है | इसके आलावा उस वन में हिरन, नीलगाय, बनया सूअर आदि भी है | इनके शिकार पर भी रोक है |
कुशेश्वर स्थान वन्यजीव अभयारण्य है | वन्य जीवों के अलावे पक्षियों को बचाने के प्रयास भी चल रहे है | वहाँ एक झील है, जहाँ हिमालय के उत्तर से पक्षी तब आते है जब वहाँ भीषण ठंढ पड़ने लगता है | जब तक यहाँ का तापमान उनके अनुकूल रहता है, तबतक वे यहाँ रहते है और गर्मी का मौसम आते ही अपने मूल स्थान को लौट आते है |

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. बिहार की कृषि की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा कीजिए |
उत्तर- बिहार की 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि से अपना जीवन यापन करती है और 90 प्रतिशत के लगभग लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते है | इन बातों के बावजूद अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रति हेक्टेयर उपज यहाँ काफी कम है | बिहार राज्य अनेक कृषि की समस्याओं से जूझता रहा है | वे समस्याएँ निम्नांकित है -
(i) मृदा क्षरण की अधिकता तथा गुणवत्ता में कमी - वर्षा के कारण उपजाऊ मृदा कट और बह जाती है | बाढ़ में प्रतिवर्ष हजारों-हजार एकड़ उपजाऊ भूमि कट कर नदी के गर्भ में चली जाती है | रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग से मृदा अनुर्वर हो जाती है और अंततः उसका परती-सा उपयोग होने लगता है |
(ii) घटिया बीजों का उपयोग- अपनी गरीबी के कारण कुछ किसान उन्नत किस्म के बीज नहीं खरीद सकने के कारण गत वर्ष की उपज का बीज ही उपयोग करते है, जिससे प्रति एकड़ उपज कम हो जाती है |
(iii) आकार में खेतों का छोटा होना - पुश्त-दर-पुश्त खेतों का बँटवारा होते-होते खेत इतने छोटे आकार के हो जाते है की उनमे ट्रैक्टर को कौन कहे, हल घुमाना भी कठिन होता है | इस कारण ऐसी कृषि में यंत्रों का उपयोग नहीं कर पाते | इससे उपज अपेक्षाकृत कम होती है |
(iv) किसानों में जड़ जमा चुकी रूढ़िवादिंता - बिहार के किसान भाग्य का अधिक सहारा लेते है और परिश्रम कम करते है | वे सोचते है की ईश्वर जो चाहेगा, वही होगा |
(v) सिंचाई की समस्या - राज्य के कुछ ही भाग में नहरों की व्यवस्था है | शेष भाग के किसान मानसून के भरोसे कृषि करते है | मानसून इधर लगातार धोखा देता रहा है | कभी समय से पहले, कभी समय के बाद और कभी वह भी नादारद | इस कारण किसानों को सूखे का सामना करना पड़ता है |
(vi) बाढ़ - कभी-कभी बाढ़ से तबाही मच जाती है | नेपाल में यदि अधिक वर्षा हुई, तो वह पानी बिहार में पहुँच कर तबाही मचा देता है | लगी-लगाई फसल दह या बह जाती है | मसाला विदेश से जुड़ा होने के कारण बिहार सरकार चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती |
प्रश्न 2. बिहार में कौन-कौन-सी फसलें लगाई जाती है ? किसी एक फसल के उत्पादों की व्याख्या करें |
उत्तर- बिहार में चार तरह की फसलें लगाईं जाती है | (i) भदई (खरीफ), (ii) अगहनी (जायद), (iii) रबी तथा (iv) गरमा |
उपर्युक्त फसलों में रब्बी फसल को प्रमुख माना जाता है | रबी फसल में गेहूँ, जौ, चना, मसूर, मूंग, उड़द, अरहर, गन्ना आदि की प्रमुखता है | इनमे अरहर और गन्ना तो भदई फसलों के साथ ही बोए जाते है, किन्तु काटे जाते है रबी फसलों के साथ | तात्पर्य की अरहर और गन्ना लगभग एक वर्ष का समय लेता है |
फिर भी इन सभी फसलों में गेहूँ की प्रमुख माना जाता है | कारण की खाद्यान में गेहूँ का महत्त्व थोड़ा भी कम नहीं है | गेहूँ को अधिक पानी की भी आवश्यकता नहीं होती | दो से तीन बार हलकी सिंचाई भी गेहूँ के लिए पर्याप्त होता है | इस कारण जमीन का छोटा-से-छोटा टुकड़ा भी बेकार नहीं रह पाता | गेहूँ प्राय: अकेले नहीं बोया जाता | गेहूँ के साथ सरसों अवश्य छिट दिया जाता है | खेत के चारों ओर तीसी भी लगा दी जाती है | गेहूँ कटने के पहले ही सरसों तैयार हो जाता है और उखाड़ लिया जाता है | तीसी गेहूँ के साथ काटी जाती है |
गेहूँ की बोआई नवम्बर से दिसंबर तक पूरी हो जाती है तथा मार्च से अप्रैल तक में कटाई समाप्त हो जाती है | 2006-07 में कुल 20.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूँ बोया गया और 43 लाख टन कुल उपज हुई | यदि पुरे बिहार स्तर पर देखा जाय तो गेहूँ की उपज में रोहतास जिला आगे रहा है | वहाँ 136 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूँ बोया गया और उपज 4 लाख मीट्रिक हुई | ध्यान रहे की यहाँ नहर की सुविधा प्राप्त है |
प्रश्न 3. बिहार की मुख्य नदी घाटी परियोजनाओं के नाम बताएँ एवं सोन अथवा कोसी परियोजना पर प्रकाश डालें |
उत्तर- बिहार की मुख्य नदी घाटी परियोजनाएँ निम्नलिखित है 
(i) सोन नदी घाटी परियोजना, (ii) गण्डक नदी घाटी परियोजना, (iii) कोसी नदी घाटी परियोजना |
(i) सोन नदी घाटी परियोजना- सोन नदी घाटी परियोजना बिहार की सर्वाधिक पुरानी परियोजना है | यह बिहार की पहली परियोजना है | फिरंगियों की सरकार ने 1874 में सिंचाई सुविधा के विकास के लिए इसकी शुरुआत की थी | सोन नदी से डिहरी के पास दो नहरें निकाली गई | एक पूरब की ओर तथा दूसरी पश्चिम की ओर | दोनों नहरों की कुल लम्बाई 130 किलोमीटर थी | इन नहरों से कई शाखाएँ और उपशाखाएँ निकाली गई, जिनसे गया, पटना, औरंगाबाद तथा भोजपुर, बक्सर आदि जिलों को सिचाईं की सुविधा प्राप्त हुई | नहरों के बन जाने से इन क्षेत्रों को चावल का कटोरा कहा जाने लगा | इन नहरों से कुल 4.5 लाख हेक्टेयर खेतों की सिंचाई होती है |
सोन नदी घाटी परियोजना बहुद्देश्यीय है | फलत: इससे विद्युत उत्पादन के लिए शक्ति गृह की स्थापना की गई | पश्चिमी नहर पर 6.6 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता है | पूर्वी नहर से विद्युत उत्पादन का लाभ लिया गया | इस नहर पर बारुन के पास शक्ति गृह बनाया गया, जिसकी उत्पादन क्षमता 3.3 मेगावाट है | स्वतंत्र भारत में इस परियोजना के नवीकरण की योजना है | सोन नदी पर इन्न्द्रपुरी के पास एक बांध बंधवाने का विचार है, जिससे 450 मेगावाट पनबिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है |
(ii) कोसी नदी घाटी परियोजना- कोसी नदी घाटी परियोजना की बात फिरंगियों ने ही 1896 में सोची थी, किन्तु वे इसे कार्यरूप नहीं दे सके | कोसी नदी में इतना भयंकर बाढ़ आया करती थी की कोसी को बिहार का शोक कहा जाने लगा था | उस पर बाँध बनाकर इसके जल को रोकना जरुरी था, ताकि बाढ़ से तबाही से बचते हुए बिजली का उत्पादन बी किया जा सके | बाँध बनाने योग्य के कारण इसमे भारत सरकार का सहयोग भी आवश्यक था |
यह नहीं समझना चाहिए की बाँध और बैराज से लाभ-ही-लाभ है | जब कभी अधिक जल के आने से पानी बांध के ऊपर से बहने लगता है तो तबाही का दृश्य उपस्थित हो जाता है | 2008 में ऐसा हो भी चूका है |
प्रश्न 4. बिहार में वन्य जीवों के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा करें |
उत्तर- बिहार में वन्य जीव संरक्षण की परम्परा बहुत पुरानी है | यहाँ कई ऐसे पर्व है, जो पेड़ों के नीचे ही संपन्न किये जाते है | अक्षय नवमी का पर्व आंवला के वृक्ष के नीचे पूर्ण किया जाता है | पीपल, बरगद, नीम, तुलसी आदि को पूज्य माना जाता है | बिहार में चींटी से लेकर साँप तक को भोजन देने का रिवाज है | अनेक ऐसे लोग है जो डिब्बा में सत्तू-चीनी रखे रहते है और जहाँ कहीं चीटियों का वास -स्थान देखते है, वहाँ थोड़ा गिरा देते है | नागपंचमी की रात साँपों को दूध और धान का लावा दिया जाता है, भले ही वे खांया या नहीं | बिहार के बहुत ऐसे घर है जहाँ अपने भोजन में से पहले गाय और बाद में कुत्ता को खिलाना आवश्यक मानते है |
यदि केवल वन्य जीवों की बात की जाय तो बिहार में वनों की कमी है, इसलिए वन जीव भी कम ही है | पश्चिम चंपारण के उत्तरी भाग में घने वन है और वहाँ वन्य जीव भी है | बाल्मीकि नगर में बाघ अभ्यारण्य बनाया गया है | बाघों को मरने की मनाही तो है ही, हिरन, चीतल, नीलगाय आदि को भी मारना वर्जित है |
बिहार में केवल एक जैविक उद्यान है जो पटना में अवस्थित है और उसका नाम संजय गाँधी जैविक उद्यान है | इस उद्यान में वन्य जीव-जंतुओं के अलावा पेड़-पौधों का भी संरक्षण किया जाता है | बेगुसराय जिले में अवस्थित काँवर झील तथा दरभंगा जिले में अवस्थित कुशेश्वर स्थान में हजारों-हजार की संख्या में विदेशी पक्षी प्रवास पर आते है | इन पक्षियों का शिकार या इन्हें फंसाने पर कड़ाई से रोक लगाई गई है |

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर 

प्रश्न 1. बिहार में कितने प्रकार की फसलें होती है | मौसमानुसार उनके नाम लिखें |
उत्तर- (i) भदई (जायद), (ii) अगहनी (खरीफ), (iii) रबी तथा (iv) गरमा |
प्रश्न 2. बिहार में उपजने वाले प्रमुख खाद्यानों के नाम लिखें |
उत्तर- (i) धान, (ii) मक्का, (iii) मडुआ, (iv) बाजार, (v) ज्वार, (vi) गेहूँ, (vii) कोदो, (viii) सांवा, (ix) चीनी, (x) कुरथी इत्यादि |
प्रश्न 3. बिहार में उपजने वाली दलहनी फसलों के नाम लिखें |
उत्तर- (i) अरहर, (ii) मसूर, (iii) चना, (iv) खेसारी, (v) मटर, (vi) केराव, (vii) बकला इत्यादि |
प्रश्न 4. बिहार में उपजाई जाने वाली तेलहनी फसलों के नाम लिखें |
उत्तर- (i) सरसों, (ii) तोरी, (iii) राई, (iv) तीसी, (v) कुसुम, (vi) सूरजमुखी, (vii) कोयना (महुआ की फली), (viii) तील, (ix) रेड़ी इत्यादि |
प्रश्न 5. बिहार में व्यावसायिक फसलों के नाम लिखकर यह भी लिखें की मुख्यतः किन-किन जिलों में उपजाई जाती है ?
उत्तर- बिहार में व्यावसायिक फसलों के नाम तथा संबंद्ध प्रमुख जिले निम्नलिखित है 
(i) गन्ना- इसके प्रमुख उत्पादक जिले है : पश्चिमी चंपारण, गोपाल गंज तथा पूर्वी चंपारण |
(ii) जुट- जुट के प्रमुख उत्पादक जिलें है : पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, किशनगंज |
(iii) तम्बाकू- तम्बाकू के उत्पादक जिले है : समस्तीपुर, वैशाली, दरभंगा, पटना |
प्रश्न 6. बिहार में उपजने वाले प्रमुख फल, मसाले तथा सब्जियों के नाम लिखें |
उत्तर- फल- बिहार में उपजने वाले फल है : आम, लीची, अमरूद, केला, पपीता, सिंघाड़ा, मखाना इत्यादि | मुजफ्फरपुर जिले की शाही लीची काफी प्रसिद्ध है | वैसे तो वैशाली जिले में भी लीची होती है | वैशाली जिला केला के लिए अधिक प्रसिद्ध है | मखाना मधुबनी तथा दरभंगा जिलों में होता है |
सब्जियाँ- बिहार में हर प्रकार की सब्जियाँ उपजाई जाती है | नालन्दा जिला आलू के लिए प्रसिद्ध है, वैसे होता यह सर्वत्र उपजता है | भिन्डी, परवल, लौकी, विभिन्न प्रकार के साग, प्याज आदि उपजाए जाते है | दियारा क्षेत्र में लत्तरवाली सभी सब्जियाँ खूब उपजती है |
मसाले- मसालों में लाल मिर्च की प्रमुखता है | इसके अलावे हल्दी, धनिया, अदरक, सौप, जीरा, लहसुन, हरी मिर्च भी उपजाए जाते है |

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