अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
1. भारत में लगभग कितने खनिज पाए जाते है ?
(क) 50 (ख) 100 (ग) 150 (घ) 200
2. इनमे से कौन लौहयुक्त खनिज का उदहारण है ?
(क) मैंगनीज (ख) अभ्रक (ग) बाक्साइड (घ) चुना-पत्थर
3. निम्नलिखित में कौन अधात्विक खनिज का उदहारण है ?
(क) सोना (ख) टिन (ग) अभ्रक (घ) ग्रेफाईट
4. किस खनिज को उद्योगों की जननी माना गाया है ?
(क) सोना (ख) ताँबा (ग) लोहा (घ) मैंगनीज
5. कौन लौह अयस्क का एक प्रकार है ?
(क) लिगनाईट (ख) हेमाटाईट (ग) बिटुमिनस (घ) इनमे से सभी
6. भारत का सबसे बड़ा लौह उत्पादक राज्य कौन है ?
(क) कर्नाटक (ख) गोवा (ग) उड़ीसा (घ) झारखण्ड
7. छत्तीसगढ़ भारत का कितना प्रतिशत लौह अयस्क उत्पादन करता है ?
(क) 10 (ख) 20 (ग) 30 (घ) 40
8. मैंगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में क्या स्थान है ?
(क) प्रथम (ख) द्वितीय (ग) तृतीय (घ) चतुर्थ
9. एक टन इस्पात बनाने में कितने मैंगनीज का उपयोग होता है ?
(क) 5 कि० ग्रा० (ख) 10 कि० ग्रा० (ग) 15 कि० ग्रा० (घ) 20 कि० ग्रा०
10. उड़ीसा किस खनिज का सबसे बड़ा उत्पादक है ?
(क) लौह अयस्क (ख) मैंगनीज (ग) टिन (घ) ताँबा
11. अल्युमिनियम बनाने के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है ?
(क) मैंगनीज (ख) टिन (ग) लोहा (घ) बाक्साईड
12. देश में तांबे का कुल भंडार कितना है ?
(क) 100 करोड़ टन (ख) 125 करोड़ टन (ग) 150 करोड़ टन (घ) 175 करोड़ टन
13. बिहार-झारखंड में देश का कितना प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है ?
(क) 60 (ख) 70 (ग) 80 (घ) 90
14. सीमेंट उद्योग का सबसे प्रमुख कच्चा माल क्या है ?
(क) चुना-पत्थर (ख) बाक्साइड (ग) ग्रेफाईट (घ) लोहा
उत्तर- 1. (ख), 2. (क), 3.(घ), 4. (ग), 5. (ख), 6. (क), 7. (ख), 8. (ग), 9. (ख), 10. (ख), 11. (घ), 12. (ख), 13. (ग), 14. (क) |
लघु उत्तरी प्रश्न :
प्रश्न 1. खनिज क्या है ?
उत्तर- निश्चित अनुपात में रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताओं के साथ निर्मित प्राकृतिक पदार्थ, जिनसे हम विभिन्न उपयोगी पदार्थ रासायनिक विधियों से प्राप्त करते है, वही खनिज है | इसे दुसरे ढंग से यदि हम कहें तो कहेंगे की निश्चित रासायनिक संयोजन एवं विशिष्ट आतंरिक परमाणविक संरचना वाले ठोस प्राकृतिक पदार्थ जो हमें पृथ्वी के अन्दर से प्राप्त होते है, वे सब खनिज कहलाते है | हमें इतनी जानकारी रखनी चाहिए की स्थल मंडल चट्टानों से बना है, जो चट्टान खनिजों के संयोग से बने होते खनिज आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते है |
प्रश्न 2. धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या है ?
उत्तर- धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान निम्नलिखित है :
(i) धात्विक खनिज में धातु पायी जाती है |
(ii) धात्विक खनिज में जो धतू पायी जाती है, वे चमकीली, तन्य और ठोकने पर आवाज देने वाली होती है |
प्रश्न 3. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- खनिजों की मुख्य विशेषताएँ है की उनका वितरण असमान है | अधिक गुणों वाले खनिजों की प्राप्ति अल्प मात्रा में होती है, वहीँ कम गुणों वाले खनिज अपेक्षाकृत अधिक पाए जाते है | खनिज वैसे ससाधन है, जो समाप्य है | एक-न-एक दिन वे अवश्य ही समाप्त हो जाएँगे | एक बार उपयोग कर लेने के बाद इनका पुनः उपयोग नहीं हो सकता | खनिज मितव्ययिता पूर्ण तरीके से उपयोग करने वाले होते है |
प्रश्न 4. लौह अयस्क के प्रकारों के नाम लिखिए |
उत्तर - लौह अयस्क के तीन प्रकारों के नाम निम्नलिखित है :
(i) हेमाटाइट, (ii) मैग्नेटाइट, (iii) लिमोटाइट | इनके उपनाम भी दिए गए है | (i) लाल अयस्क, (ii) काला अयस्क तथा (iii) पीला अयस्क |
प्रश्न 5. भारत में लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखिए |
उत्तर- भारत में लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्य निम्नलिखित है :
(i) कर्नाटक, (ii) छत्तीसगढ़, (iii) उड़ीसा, (iv) गोवा, (v) झारखण्ड, (vi) महाराष्ट्र, (vii) आंध्रप्रदेश तथा (viii) तमिलनाडू |
प्रश्न 6. झारखण्ड के प्रमुख लौह उत्पादक जिलों के नाम लिखिए |
उत्तर- झारखण्ड के प्रमुख लौह उत्पादक जिलें निम्नलिखित है :
(i) सिंहभूम, (ii) पलामू, (iii) धनबाद, (iv) हजारीबाग, (v) संथाल परगन तथा (vi) राँची |
प्रश्न 7. मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालिए |
उत्तर- मैंगनीज के अनेक उपयोग है | जंगरोधी इस्पात बनाने में मैंगनीज का उपयोग होता है | मिश्र धातु बनाने में भी इसका उपयोग होता है | इसका उपयोग शुष्क बैटरी बनाने में भी होता है | इन प्रमुख उपयोगों के अतिरिक्त फोटोग्राफी का समान बनाने, चमड़े की सफाई में तथा दियासलाई बनाने में भी इसका उपयोग होता है |
प्रश्न 8. अल्युमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- अल्युमिनियम के अनेक उपयोग है | सर्वप्रथम इसका उपयोग घरेलु बर्तनों को बनाने में हुआ | बाद में हल्की होने के गुण के कारण इससे वायुयान का बॉडी बनने लगा | अब विद्युत उपकरण बनाने में इसका उपयोग धड़ल्ले से होने लगा है | पहले बिजली के तार में जहाँ ताँबे का उपयोग होता था, अब अल्युमिनियम का उपयोग होने लगा है | कारण की यह ताँबा की अपेक्षा काफी सस्ता है | सफेद सीमेंट तथा रासायनिक सामान बनाने में इसका उपयोग होता है |
प्रश्न 9. अभ्रक का क्या उपयोग है ?
उत्तर- अभ्रक ताप तथा विद्युत, दोनों का कुचालक है | अत: इससे विद्युत उपकरण बनाने की प्राचीन परम्परा रही है | अभ्रक से आयुर्वेदिक औषधि भी बनती रही है | उस आयुर्वेदिक औषधि का नाम है 'सहस्त्रपुटी अभ्रक भस्म' इसे बनाना समयसाध्य तथा श्रमसाध्य, दोनों है | इसलिए असली औषधि का मिलना कठिन है | अभी आज की स्थिति में अभ्रक का उपयोग केवल विद्युत रोधक यंत्र बनाने में किया जा रहा है |
प्रश्न 10. चुना पत्थर की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर- चुना पत्थर की निम्नलिखित उपयोगिता है :
(i) चुना पत्थर सीमेंट उद्योग का प्रमुख कच्चा माल है | (ii) लौह-इस्पात बनाने में भी चुना पत्थर उपयोगी है | (iii) इसका रसायण उद्योग में भी उपयोग होता है | उर्वरक, कागज, चीनी आदि बनाने में भी इसका उपयोग होता है | भवन बनाने तथा उनकी पुताई (White Washing) में चुना का उपयोग प्राचीन काल से ही होता रहा है |
प्रश्न 11. खनिजों की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए |
उत्तर- खनिजों की विशेषता उल्लेखनीय है | आज ये आधुनिक विश्व की रीढ़ की हड्डी बने हुए है | औद्योगिक क्रांति के बाद इनका महत्त्व तो बढ़ा ही है, प्राचीन काल में भी इसका उपयोग होता था | खेती के उपकरण तथा युद्धोपयोगी आयुधों का निर्माण लोहा से ही होता था, जो एक प्रमुख खनिज है | जिस देश के पास कोई खनिज नहीं हो, तो निश्चित ही उसका विकास अवरुद्ध हो सकता है | जिन देशों के पास खनिज का आभाव रहता है, वे आयात कर मानव संसाधन का उपयोग कर अपने देश का विकास करते है, जैसे - जापान |
प्रश्न 12. खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते है ?
उत्तर- खनिज क्षयशील तथा अनवीकरणीय संसाधन है | इनकी मात्रा सिमित है | ये यदि एक बार समाप्त हो गए तो इन्हें हम पुनः प्राप्त नहीं कर सकते | यदि लाभ के लालच में मनुष्य इनका अतिशय दोहन करने लगे तो पुनः इन्हें प्राप्त करने के लिए लाखों-लाख वर्षों तक प्रतीक्षा करनी होगी | जिस देश में आर्थिक विकास नहीं हुआ है और वह देश खनिज संसाधनों में धनी है तो वह उनका निर्यात कर अपनी अर्थव्यवस्था संतुलित रखता है | अत: इनके महत्त्व को समझते हुए इनका संरक्षण तथा उचित प्रबंधन करना चाहिए |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. खनिज कितने प्रकार के होते है ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दें |
उत्तर- यदि सही रूप से कहा जाय तो खनिज सामान्यत: दो प्रकार के होते है |
(क) धात्विक खनिज तथा (ख) अधात्विक खनिज | इनका विशेष परिचय निम्नलिखित है
(क) धात्विक खनिज - यह दो प्रकार के होते है
(i) लौहयुक्त खनिज तथा (ii) अलौहयुक्त खनिज |
(i) लौहयुक्त खनिज - जिन धात्विक खनिजों में लोहे की मात्रा अधिक होती है, उन्हें लौह युक्त खनिज कहते है | जैसे- लौह अयस्क, मैंगनीज, निकल, टंग्स्टन आदि |
(ii) अलौहयुक्त खनिज - जिन धात्विक खनिजों में लोहे का अंश कम होता है या नहीं भी होता है, वे अलौह खनिज कहलाते है | जैसे- सोना, चाँदी, सीसा, टिन, ताँबा इत्यादि |
(ख) अधात्विक खनिज - अधात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते है
(i) कार्बनिक खनिज तथा (ii) अकार्बनिक खनिज
(i) कार्बनिक खनिज - कार्बनिक खनिज में कार्बन की मात्रा पाई जाती है | लाखों-लाख वर्ष से पृथ्वी के नीचे दबे जीवाष्म होते है | इन जीवाश्मों में कार्बन की भी मात्रा होती है | जैसे- कोयला, पेट्रोलियम तेल और गैस |
(ii) अकार्बनिक खनिज - अकार्बनिक खनिज में कार्बन की मात्रा नहीं पाई जाती है और पाई भी जाती है तो बहुत कम | जैसे - अभ्रक, ग्रेफाईट, सोना, चाँदी, तम्बा |
प्रश्न 2. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है ? तुलना कीजिए |
उत्तर- धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज में निम्नलिखित अंतर है :
धात्विक
खनिज |
अधात्विक
खनिज |
1.
धात्विक खनिज को तपाने पर वह गल जाता है, जिससे धातु प्राप्त होती है | |
अधात्विक
खनिज को तपाने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और वह अपने पूर्व रूप में कायम रहता
है | |
2.
धात्विक खनिज कठोर और चमकीले होते है और ठोकने पर ये आवाज निकालते है | |
अधात्विक
खनिज में न तो अधिक कठोरता होती है और न ठोकने पर ये आवाज ही निकालते है | |
3.
धात्विक खनिज प्राय: आग्नेय चट्टानों में ही पाए जाते है | |
अधात्विक
खनिज परतदार चट्टानों में पाए जाते है | |
4.
धात्विक खनिजों को पीटकर पत्तर या खींचकर तार बनाए जा सकते है | पीटने और खींचने पर ये टूटते नहीं | |
अधात्विक
खनिजों को यदि पिटा जाय तो ये चूर-चूर हो जायेगे | फलत: इनमे न तो पत्तर और न
तार बनाया जा सकता है | |
प्रश्न 3. भारत की खनिज पतियों के नाम लिखकर किन्हीं दो का वर्णन कीजिए |
उत्तर- भारत में तीन खनिज पेटियाँ पाई जाती है |
(i) उत्तर-पूर्वी पठार, (ii) दक्षिण-पश्चिम पठार और (iii) उत्तर-पश्चिम प्रदेश |
(i) उत्तर-पूर्वी पठार - उत्तर-पूर्वी पठार खनिज की दृष्टि से धनि पेटी है | यह पेटी छोटानागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार, छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आंध्र प्रदेश का पठार में अवस्थित है | इस पेटी में अनेक खनिज मिलते है | इनमे लौह अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, बाक्साइड, चुना-पत्थर, डोलोमाईट,ताम्बा, थोरियम, युरेनियम, क्रोमियम, सिलिमेनाईट तथा फास्फेट का भंडार भरा है |
(ii) दक्षिण-पश्चिम पठार - दक्षिण-पश्चिम पठार पेटी कर्नाटक के पठार तथा तमिलनाडू के पठार पर फैला हुआ है | इस पेटी में लौह अयस्क, मैंगनीज, बाक्साईड आदि काफी मात्रा में प्राप्य है | देश के सभी सोने की खाने इसी पेटी में अवस्थित है |
(iii) उत्तर-पश्चिम प्रदेश - उत्तर-पश्चिम पेटी का फैलाव खम्भात की खाड़ी से लेकर अरावली श्रेणियों तक है | यहाँ अनेक अलौह धातुएँ प्राप्त होती है | उनमे चाँदी, सीसा, जस्ता, तम्बा आदि की प्रमुखता है | बलुआ पत्थर, ग्रेफाईट, संगमरमर, जिप्सम, मुल्तानी मिट्टी, डोलोमाईट, चुना-पत्थर, सेंधा नमक की प्राप्ति काफी मात्रा में होती है |
प्रश्न 4. लौह अयस्क का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं की लिखिए |
उत्तर- लौह अयस्क का यदि हम वर्गीकरण करें तो पाते है की ये तीन प्रकार के होते है :
(i) हेमाटाईट, (ii) मैग्नाटाईट तथा (iii) लिमोनाईट | इन तीनों को क्रमशः लाल अयस्क, काला अयस्क तथा पीला अयस्क भी कहते है |
लौह अयस्क की विशेषताएँ - लौह अयस्क से ही शुद्ध लोहा या इस्पात तैयार होता है | आज की सभ्यता का यह आधार बना हुआ है | उपर्युक्त तीन अयस्कों में हेमाटाईट तथा मैग्नाटाईट उच्च किस्म के अयस्क होते है, जिनमे से शुद्ध लोहे की अधिक मात्रा निकलती है | मैग्नेटाईट में चुम्बकीय गुण होता है, इसी कारण उसका नाम मैग्नेटाईट पड़ा है | खास तौर पर हेमाटाईट अयस्क से लोहा बनाया जाता है | अयस्क को अनेक विधियों से गुजार कर लोहा बनाया जाता है | अयस्क को अनेक विधियों से गुजार कर लोहा बनाया जाता है | भारत का पहला लोहा बनाने का कारखाना साकची नामक स्थान पर स्थापित हुआ | इसको स्थापित करने वाले जमशेदजी नाशरवान जी टाटा थे | उन्ही के नाम पर उस जगह का नाम जमशेदपुर तथा रेलवे स्टेशन का टाटानगर रखा गया है |
प्रश्न 5. भारत में लौह अयस्क के वितरण पर प्रकाश डालिए |
उत्तर- वैसे तो भारत में लौह अयस्क की प्राप्ति प्राय: सभी राज्यों में होती है, परन्तु कुल भंडार के लगभग 96 प्रतिशत केवल पाँच राज्यों कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा तथा झारखण्ड में प्राप्त होता है |
कर्नाटक राज्य में भारत का प्राय: एक चौथाई लोहा प्राप्त होता है | बल्लारी, हास्पेट, संदुर, चिकमंगलूर जिले के बाबाबुदन की पहाड़ी तथा केमन गुंडी की पहाड़ियों पर लौह अयस्क फैले हुए है | छत्तीसगढ़ राज्य देश का सबसे अधिक लौह अयस्क वाला राज्य है | दांतेवाड़ा तथा दुर्ग जिलों में लौह अयस्क तो पाया जाता है, उनके आलावा रायगढ़, विलासपुर तथा सरगुजा में भी यह पाया जाता है | उड़ीसा भी देश का एक प्रमुख लौह अयस्क के भंडार वाला राज्य है | इस राज्य की प्रमुख लौह अयस्क की खानें गुरु महिषानी, बादाम पहाड़ तथा किरीबुरू क्षेत्रों में है | लौह अयस्क प्राप्ति के क्षेत्र में गोवा का भारत में चौथा स्थान है | यहाँ की प्रमुख खानें सहकवालिम, संग्युम, क्युपेम, सतारी पौंडा तथा नियोलिम में अवस्थित है | झारखण्ड भी लौह अयस्क के मामले में देश का एक प्रमुख राज्य है | यहाँ पुरे देश का 15% लौह अयस्क प्राप्त होता है | यहाँ की प्रमुख खानें सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथाल परगना तथा राँची जिले में अवस्थित है |
प्रश्न 6. मैंगनीज अथवा बाक्साईट की उपयोगिता तथा देश में इनके वितरण का वर्णन कीजिए |
उत्तर- मैंगनीज - भारत में मैंगनीज प्राप्ति के ख्याल से विश्व में इसका तीसरा स्थान है | विश्व के संचित भंडारों में मैंगनीज की प्राप्ति भारत में होती है | भारत में जितना मैंगनीज है, उसका 78 प्रतिशत से भी अधिक की प्राप्ति नागपुर और भंडार जिलों से लेकर मध्य प्रदेश के बालाघाट तथा छान्दवाडा जिलों में ही हो जाती है |उड़ीसा भी मैंगनीज प्राप्ति में अग्रणी है | यहाँ भारत के कुल मैंगनीज का 37 प्रतिशत प्राप्त होता है | यहाँ इसकी मुख्य खानें सुंदरवन, कालाहांडी, रायगढ़, बोलांगीर, क्योंझर, जाममुर एवं मयूर भंज जिलों में है | महाराष्ट्र राज्य मैंगनीज उत्पादन में संभवतः भारत का पहला राज्य है जो सबसे अधिक उत्पादन करता है | यह लगभग देश के कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत उत्पादन कर लेता है | मैंगनीज की उत्पादन की मुख्य पेटी नागपुर तथा भंडार जिलों में है | इस पेटी में अच्छे प्रकार के मैंगनीज मिलते है | महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में भी उच्च कोटि के मैंगनीज मिलते है | मध्य प्रदेश राज्य में भी मैंगनीज प्राप्त होते है | यहाँ देश के कुल उत्पादन का 21 प्रतिशत मैंगनीज प्राप्त होता है | इस राज्य के बालाघाट तथा छिन्दवाड़ा जिलों में इसका उत्पादन होता है | कर्नाटक में मैंगनीज शिमेगा, चित्रदुर्ग, तुसकुर, बेलारी, उत्तरी कनारा, धरवाडा, चिक मंगलूर और बाजीपुर जिले मुख्य उत्पादक जिले है | यहाँ भी देश के कुल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत होता है | आन्ध्र प्रदेश में भी कुछ मैंगनीज मिलता है | श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम, कुडप्पा, विजयनगर तथा गंटूर जिले में मैंगनीज के मुख्य उतपादक जिले है |
बॉक्साइट - वैसे तो बॉक्साइट की प्राप्ति भारत में लगभग हर भाग में हो जाती है, लेकिन मुख्यतः इसके भण्डारण में उड़ीसा, गुजरात, झारखण्ड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडू एवं उत्तर प्रदेश प्रमुख रखते है | बॉक्साइट का लगभग 50% भाग उड़ीसा राज्य में मिल जाता है | इसके बाद गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडू तथा उत्तर प्रदेश राज्यों का स्थान है |
उड़ीसा राज्य के कालाहांडी, बालंगीर, कोरापुर, सुंदरगढ़ तथा संभलपुर जिले बॉक्साइट के प्रमुख उत्पादक जिले है | गुजरात राज्य के जामनगर, कैरा, साबरकंठा, कच्छ तथा सूरत जिले बॉक्साइट के प्रमुख उत्पादक जिले है | झारखण्ड देश में तीसरा राज्य है जहाँ बॉक्साइट प्राप्त होता है | लोहरदगा, राँची, लातेहार तथा पलामू जिलों में इसकी प्राप्ति होती है | महाराष्ट्र राज्य के कोलाबा, रत्नागिरी और कोल्हापुर जिलों में बॉक्साइट प्राप्त होता है | छत्तीसगढ़ जिला में भी बॉक्साइट की प्राप्ति होती है, जो पहले मध्य प्रदेश राज्य का ही एक भाग था | सरगुजा, रायगढ़ तथा विलासपुर जिले यहाँ बॉक्साइट के लिए प्रसिद्ध है | इन स्थानों के आलावा कर्नाटक राज्य के बेलगाँव, तमिलनाडू के निलगिरी, सेलम, मदुरई और कोयम्बटूर, उत्तर प्रदेश का बाँदा जिला, जम्मू-कश्मीर के पूंछ तथा उधमपुर जिलों में बॉक्साइट की अच्छी प्राप्ति हो जाती है |
प्रश्न 7. अभ्रक की उपयोगिता एवं वितरण पर प्रकाश डालिए |
उत्तर- अभ्रक एक विद्युतरोधी अधात्विक खनिज है | इसका अधिक उपयोग विद्युतरोधी उपकरण बनाने में ही होता है | कुछ आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने में भी अभ्रक का उपयोग होता है |
भारत में प्राप्ति की द्रृष्टि से अभ्रक की तीन पेटियाँ है, जो बिहार-झारखण्ड, आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान राज्यों में अवस्थित है | सबसे उत्तम कोटि का अभ्रक बिहार-झारखण्ड राज्यों में पाया जाता है, जिसे रूबी अभ्रक कहते है | बिहार में गया जिला से होते हुए मुंगेर तथा भागलपुर तक अभ्रक मिलता है, वहीं झारखण्ड राज्य में कोडरमा, हजारीबाग, धनबाद, पलामू, राँची एवं सिंहभूम जिले अभ्रक उत्पादन में एक स्थान रखते है | इनमे सर्वाधिक अभ्रक कोडरमा तथा हजारीबाग में मिलता है और वह भी उच्च कोटि का | भारत की कुल प्राप्ति की 80 प्रतिशत केवल बिहार-झारखण्ड में ही हो जाती है |शेष आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान में प्राप्त होता है |आंध्र प्रदेश के मात्र नैलुर जिले में ही अभ्रक मिलता है, लेकिन देश के कुल उत्पादन में यह अपना दूसरा स्थान बनाए हुए है | तीसरा स्थान राजस्थान का है | यहाँ के जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर आदि जिले अभ्रक उत्पादन में मशहूर है |
प्रश्न 8. खनिजों के संरक्षण के उपाय सुझाइए |
उत्तर- सभी खनिज क्षरणशील तथा अनवीकरणीय संसाधन है | इनकी मात्रा असीमित नहीं है | कभी-न-कभी ये समाप्त होंगे ही | अत: ये शीघ्र समाप्त नहीं हो और इनका लाभ हमारी अगली पीढियां भी उठा सकें, इसके लिए हमें इन्हें बचाकर रखना है | बचाकर रखने का तात्पर्य यह नहीं है की हम उनका उपयोग ही नहीं करें | उपयोग करें, किन्तु मित्व्ययितापुर्वक | ये खनिज ही है, जो उद्योगों के आधार है और सभ्यता को आगे बढ़ाते है और उसको कायम रखते है और हमें इस आधुनिक सभ्यता को बनाए रखना है | वास्तव में खनिजों का संरक्षण विवेकपूर्ण उपयोग पर निर्भर करता है और विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है : (क) खनिजों के निरंतर दोहन पर नियंत्रण, (ख) उनका बचतपूर्वक उपयोग तथा (ग) कच्चे माल के रूप में उनके प्रतिस्थापक की खोज | उनके विकल्पों की खोज तो हो ही, खनिजों के अपशिष्टों का बुद्धिमतापूर्ण उपयोग किया जाय | उनका उपयोग भी इस प्रकार किया जाय ताकि पारिस्थितिकी पर कोई कुप्रभाव न [पड़े ताकि पर्यावरण सुरक्षित बना रहे | यदि हम खनिजों का संरक्षण भी करें और साथ-साथ प्रबंधन पर भी ध्यान दें तो खनिजों के संकट से हम ही नहीं, हमारी पीढ़ियों को भी कोई कठिनाई नहीं होगी |
कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. भारत में अधिकांशि खनिज किन तीन पतियों में पाए जाते है ?
उत्तर- भारत में अधिकांश खनिज निम्नलिखित तीन पतियों में पाए जाते है :
(i) उत्तर-पूर्वी पठार, (ii) दक्षिणी-पश्चिमी पठार तथा (iii) उत्तर-पश्चिमी पठार |
प्रश्न 2. कुछ प्रमुख धात्विक खनिजों के नाम लिखिए |
उत्तर- प्रमुख धात्विक खनिजों के नाम है
(i) लौह अयस्क (ii) मैंगनीज (iii) क्रोमाईट (iv) पईराईट (v) निकिल |
प्रश्न 3. भारत में पिछले किन्ही तीन वर्षो में लौह अयस्क उत्पादन की मात्रा बताइए |
उत्तर- भारत में पिछले तीन वर्षों में लौह अयस्क का उत्पादन
वर्ष
|
उत्पादन
(हजार टन में ) |
2005-2006 2006-2007 2007-2008 |
165230 180917 206939 |
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