पाठ से
प्रश्न 1. इन पद्यांशों के अर्थ स्पष्ट कीजिए |
(क) पग-नुपुन कंगन हार नहीं
तुम विद्या से श्रृंगार करो
उत्तर- इन पंक्तियों के माध्यम से कवयित्री ने नारी को शिक्षा ग्रहण करने की प्रेरणा दी है | कवयित्री का कहना है की नारी अपने रूप-सोंदर्य से सम्मान नहीं पा सकती | सम्मान पाने के लिए उसे शिक्षित होना आवश्यक है | क्योंकि जीवन में उसे ही सम्मान मिलाता है जिसमे गुण होता है | इसी विशेष-गुण से मदर टेरेसा, कल्पना चावला, इंदिरा गाँधी, मशहूर गायिका लता मंगेश्कर आदि सम्मान की दृष्टि से देखि जाती है |
(ख) वह दान दया की वस्तु नहीं,
वह जीव नहीं वह नारी है |
उत्तर- कवयित्री पुरुष क प्रधानता पर प्रहार करती हुई कहती है की लोग अपनी हीन भावना के कारण ही बेटा-बेटी में भेद करते है, जबकि दोनों एक ही माँ के गर्भ से पैदा होते है | ईश्वर ने दोनों को समान रूप से सुविधाएँ प्रदान की है | फिर बेटी के साथ ऐसा क्यों ? कवयित्री का कहना है की अब सृष्टि संरचना में पुरुष के समान ही नारी का भी योगदान होता है, फिर नारी को बोझ मानकर उसकी उपेक्षा क्यों की जाती है ? इसलिए कवियित्री अभिलाषा प्रकट करती है की नारी को भी अपने जीवन को सजाने-संवारने का अवसर मिलना चाहिए |
(ग) उसे टेरेसा बन जीने दो,
उसे इंदिरा बन जीने दो |
उत्तर- कवियित्री लोगो को आह्यान करती है की नारी को मदर टेरेसा एवं इंदिरा की भांति ऊंचाई छूने का अवसर मिलना चाहिए | कवियित्री का मानना है की नारी में भी पुरुष की भांति प्रतिभा है, इसलिए उसे स्वच्छंद वातावरण में अपने जीवन को संवारने का अवसर मिलना चाहिए |
पाठ से आगे
प्रश्न 1. समाज में लिंग-भेद को मिटाना क्यों जरुरी है ? इसको मिटाने के लिए आप क्या-क्या कर सकते है ?
उत्तर- समाज में लिंग-भेद मिटाना इसलिए जरुरी है क्योंकि इसी भेदभाव के कारण समाज में विषमता जन्म लेती है | इस भेदभाव को मिटाने के लिए हमें पुत्र के समान ही पुत्री को भी हर सुविधा प्रदान करनी चाहिए |
जैसे उसकी रूचि का सम्मान करना, पठन-पाठन में सहयोग करना, पुत्रवत व्यवहार करना आदि के द्वारा लिंग-भेद जैसी कुरीति को मिटाई जा सकती है |
प्रश्न 2. समाज में स्त्री एवं पुरुष में भेद-भाव किन-किन रूपों में दिखाई देता है | इन्हें समाप्त करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है ?
उत्तर - समाज में लिंग-भेद मिटाना इसलिए जरुरी है क्योंकि इसी भेदभाव के कारण समाज में विषमता जन्म लेती है | इस भेदभाव को मिटाने के लिए हमें पुत्र के समान ही पुत्री को भी हर सुविधा प्रदान करनी चाहिए |
जैसे उसकी रूचि का सम्मान करना, पठन-पाठन में सहयोग करना, पुत्रवत व्यवहार करना आदि के द्वारा लिंग-भेद जैसी कुरीति को मिटाई जा सकती है |
प्रश्न 3. समाज में भ्रूण हत्याएँ हो रही है | लगातार महिलाओं की संख्या में कमी हो रही है | लोग लड़के की कामना करतेहै तथा लड़कियों को दोमय दर्जे के नागरिक के रूप में देखा जाता है | वर्त्तमान समय में कमोबेश नारी की यही स्थिति है | इस परिदृश्य को ध्यान में रखकर एक स्वचारित कविता का निर्माण कीजिए |
उत्तर-
व्याकरण
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए :
उत्तर - तोड़ो = जोड़ो
नफरत = प्रेम
स्वीकार = अस्वीकार
संवारना = बिगाड़ना
सम्मान = असम्मान
दया = निर्दयता
प्रश्न 2. दिये गये पुलिंग शब्दों के स्त्रीलिंग शब्द लिखिए :
उत्तर - अभिनेता = अभिनेत्री
लेखक = लेखिका
अध्यापक = अध्यापिका
नेता = नेत्री
छात्र = छात्रा
नर = नारी
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