Telegram Join Whatsapp (1) Whatsapp (2)

आप दुबलिकेट वेबसाइट से बचे दुनिया का एकमात्र वेबसाइट यही है SM Study Point और ये आपको पैसे पेमेंट करने को कभी नहीं बोलते है क्योंकि यहाँ सब के सब सामग्री फ्री में उपलब्ध कराया जाता है धन्यवाद !

Bihar Board Class 7th Hindi Chapter 15 | N.C.E.R.T. Class 7 Hindi Ka Book Kislay | All Question Answer | ऐसे-ऐसे (विष्णु प्रभाकर) | बिहार बोर्ड क्लास 7वीं हिंदी अध्याय 15 | सभी प्रश्नों के उत्तर

Bihar Board Class 7th Hindi Chapter 15  N.C.E.R.T. Class 7 Hindi Ka Book Kislay  All Question Answer  ऐसे-ऐसे (विष्णु प्रभाकर)  बिहार बोर्ड क्लास 7वीं हिंदी अध्याय 15  सभी प्रश्नों के उत्तर
Bihar Board Class 7th Hindi Chapter 15
मुहावरे
(i) चैन न पड़ना (बेचैन रहना)—दवा तो ली, लेकिन चैन नहीं पड़ा।
(ii) रौनक न रहना (खूबसूरती न रहना)—बीमार रहने के कारण लम्बू जी के चेहरे पर रौनक ही नहीं है ।

(iii) सिर हिलाना (स्वीकार करना)—मास्टर जी के पूछने पर मोहन ने सिर हिला दिया।
(iv) मौज करना (खेल-कूद करना) — मोहन छुट्टी भर तो मौज करता रहा।
(v) पेट में दाढ़ी होना (कपटी होना) —अरे मोहन ! तेरे पेट में तो दाढ़ी है।
अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
पाठ से :
प्रश्न 1. माँ मोहन के 'ऐसे-ऐसे' कहने पर क्यों घबरा रही थी ?
उत्तर – माँ मोहन के 'ऐसे-ऐसे' कहने पर इसलिए घबरा रही थी, क्योंकि इस प्रकार की बीमारी का नाम वह कभी नहीं सुनी थी। उसके चेहरे पर हवाइयाँ उड़ रही थीं और चेहरा एकदम सफेद पड़ गया था। मोहन की बेचैनी देखकर माँ घबरा रही थी कि इसे कौन-सी बीमारी हो गई है।
प्रश्न 2. ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखिए।
उत्तर – जब कोई छात्र स्कूल का काम पूरा नहीं करता है तो पेट दर्द, सिर दर्द, बाजार दवा लेने जाना, कॉपी खत्म होना आदि बहाने बनाते हैं, जिन्हें मास्टर एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं कि इसने अपना काम पूरा नहीं किया है। मोहन ने भी अपना काम पूरा नहीं किया था। उसे इस बात का डर था कि काम पूरा किए बिना स्कूल जाने पर मार लग सकती है। इसीलिए ‘ऐसे-ऐसे' दर्द हो रहा है, का बहाना बनाया, जिसे मास्टर जी ने भाँप लिया।
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में 'ऐसे-ऐसे' होने के बहाने बनाए । मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?
उत्तर – स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में 'ऐसे-ऐसे' होने के बहाने बनाए । मान लिया कि उसके पेट में सचमुच दर्द हुआ होगा तो लोग उसके दर्द को बहाना मानकर ध्यान न दिए होंगे, फलत: उसकी हालत बिगड़ गई होगी और उसे एहसास हुआ होगा कि झूठ बोलने का फल बड़ा बुरा होता है। इसलिए झूठ नहीं बोलना चाहिए। अन्यथा एक दिन जान से हाथ धोनी पड़ सकती है।
प्रश्न 2. पाठ में आए वाक्य 'लोचा-लोचा फिरे हैं' के बदले 'ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमजोर हो गया है'-लिखा जा सकता है। लेकिन, लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं, जैसे-
-इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं,
- राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
—तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।
अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है ?
उत्तर : इतनी नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं ।
भगवान भला करे, बीमारियों ने तो तंग कर रखा है।
तुम तो बहुत बड़े कपटी हो ।
प्रश्न 3. मान लीजिए कि आप मोहन की तबीयत पूछने जाते हैं। आप अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए ।
संकेत : छात्र अपने से बनाये इस प्रश्न को 
प्रश्न 4. संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखे जाने चाहिए ? ऐसे वक्त में पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से आप कैसे बात करेंगे ? कक्षा में करके बताइए ।
संकेत : छात्र अपने से बनाये इस प्रश्न को ।

Post a Comment

0 Comments