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Class 9th NCERT Geography Chapter 3 | BTC Bhugol Kitab | अपवाह स्वरूप | क्लास 9वीं भूगोल अध्याय 3 | सभी प्रश्नों के उत्तर | SM Study Point

Class 9th NCERT Geography Chapter 3  BTC Bhugol Kitab  अपवाह स्वरूप  क्लास 9वीं भूगोल अध्याय 3  सभी प्रश्नों के उत्तर  SM Study Point
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो । 
1. लक्ष्मीसागर झील किस राज्य में स्थित है ? 
(क) मध्य प्रदेश 
(ख) उत्तर प्रदेश 
(ग) बिहार 
(घ) झारखंड
2. निम्न में से कौन लवणीय झील है ?  
(क) वूलर 
(ख) डल 
(ग) सांभर
(घ) गोविन्दसागर
3. गंगा नदी पर गाँधी सेतु किस शहर के निकट अवस्थित है ? 
(क) भागलपुर
(ख) कटिहार  
(ग) पटना 
(घ) गया
4. कौन-सी नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है ?
(क) महानदी
(ख) कृष्णा
(ग) तापी
(घ) तुंगभद्रा
5. कौन-सी नदी प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी है ? 
(क) नर्मदा
(ख) गोदावरी 
(ग) कृष्णा  
(घ) महानदी
6. सिन्धु जल समझौता कब हुआ था ? 
(क) 1950 
(ख) 1955
(ग) 1960
(घ) 1965
7. शांग-पो किस नदी का उपनाम है ? 
(क) गंगा 
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) सतलुज
(घ) गोदावरी
8. इनमें से गर्म जल का जल प्रपात कौन है ? 
(क) ककोलत 
(ख) गरसोप्पा
(ग) ब्रह्मकुंड
(घ) शिवसमुद्रम
9. कोसी नदी का उद्गम स्थल है : 
(क) गंगोत्री 
(ख) मानसरोवर
(ग) गोसाईधाम
(घ) सतपुड़ा श्रेणी
उत्तर – 1. (ग), 2. (ग), 3. (ग), 4. (ग), 5. (ख), 6. (ग), 7. (ख), 8. (ग), 9. (ग)।  
लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. जल विभाजक का क्या कार्य है? एक उदाहरण दीजिए । 
उत्तर – दो दिशाओं में नदियों के प्रवाह को अलग करनेवाले उच्च पर्वतीय या पठारी क्षेत्र को जल विभाजक कहते हैं । सिंधु और गंगा नदियों के मध्य अरावली की उच्च भूमि जल विभाजक का एक अच्छा उदाहरण है। ।
प्रश्न 2. भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी कौन-सी है?
उत्तर – भारत में सबसे विशाल नदी द्रोणी गंगा की नदी द्रोणी है । इसके विस्तार नदी के दोनों किनारे पर काफी लम्बाई में फैल हुआ है। इसी द्रोणी में जनसंख्या घनी बसी हुई ।
प्रश्न 3. सिंधु एवं गंगा नदियाँ कहाँ से निकलती हैं ?
उत्तर – सिंधु नदी मानसरोवर झील से निकतली है जो तिब्बत में अवस्थित है। इसका अधिक भाग भारत से बाहर तिब्बत में ही बहता है, जो अरुणाचल प्रदेश में आने के बाद भारत में मिलती है। गंगा नदी गंगोत्री हिमानी के गोमुख से निकली है। आरंभ में इसका नाम अलकनन्दा है, लेकिन उत्तरांचल में अवस्थित देवप्रयाग में भागीरथी में मिलकर गंगा नाम से बहने लगती है। यह हरिद्वार के निकट ऋषिकेश में हिमालय को त्याग धरती पर उतरती है ।
प्रश्न 4. गंगा की दो प्रारंभिक धाराओं के नाम लिखिए। ये कहाँ आकर एकदूसरी से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं ?
उत्तर – गंगा की दो प्रारंभिक धाराओं के नाम हैं : (i) अलकनन्दा तथा (ii) भागीरथी । ये दोनों धाराएँ उत्तरांचल राज्य में देवप्रयाग में मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती हैं। 
प्रश्न 5. लम्बी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) क्यों है ?
उत्तर – मानसरोवर झील से लेकर अरुणाचल प्रदेश के पहले तक ब्रह्मपुत्र को पथरीले भाग से गुजरता पड़ता है। पथरीला मार्ग होने के कारण लम्बी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र में कम गाद (सिल्ट) जमा हो पाता है।
प्रश्न 6. कौन-सी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ धँसान घाटी से होकर बहती हैं? समुद्र में प्रवेश करने के पहले वे किस प्रकार की आकृतियों का निर्माण करती हैं ? 
उत्तर – नर्मदा तथा तापी दो प्रायद्वीपीय नदियाँ धँसान घाटी होकर बहती हैं। नर्मदा नदी समुद्र में प्रवेश करने के पहले गॉर्ज तथा जल प्रपात बनाती है। जलप्रपात का नाम धुआँधर प्रपात या कपिल धारा है। ये दोनों नदियाँ समुद्र के निकट पहुँचकर ज्वारनदमुख (एस्चुएरी) बनाती हैं ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. हिमालय तथा प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – हिमालयीय तथा प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :
हिमालयीय नदियाँ हिमालय पर सालों भर बर्फ जमा रहने के कारण वहाँ से निकलनेवाली सभी नदियाँ सदावाही अर्थात बारहमासी हैं, जबकि प्रायद्वीपीय अधिकांश नदियाँ मौसमी हैं। हिमालय की नदियों को सालों भर जल की आपूर्ति होती रहती है, लेकिन प्रायद्वीपीय नदियों को केवल वर्षा के जल पर निर्भर रहना पड़ता है। सिंधु एवं ब्रह्मपुत्र जैसी हिमालय की प्रमुख नदियों के प्रवाह क्रम ने पर्वतों को काटकर गॉर्ज का निर्माण किया है, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ गॉर्ज का निर्माण नहीं कर जलप्रपातों का निर्माण करती हैं। हिमालय की नदियों में सालो भर पानी रहता है, जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ गर्मियों में या तो सूख जाती हैं या नाले जैसी दिखती हैं। हिमालय की नदियाँ अपने उद्गम स्थल से समुद्र तक की यात्रा में अनेक क्रिया-कलापों को सम्पन्न करती हैं। ये नदियाँ अपने मार्ग के ऊपरी भाग में बड़ी मात्रा में अपरदन कार्य करती हैं और गाद, बालू, मिट्टी जैसे अपरदित पदार्थों को ढोती हुई चलती हैं और अपने दोनों किनारों पर जमा करती जाती हैं। जैसे-जैसे ये नदियाँ आगे बढ़ती हैं, वैसे-वैसे अवसादों की मात्रा बढ़ती जाती है। प्रायद्वीपीय नदियाँ में कुछ नदियाँ पठारी भाग तथा पश्चिमी घाट पर्वत से निकलकर पश्चिम की ओर बहती हुई अरब सागर में गिर जाती हैं। किन्तु इस भाग की अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट से ही निकलकर पूरब की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी (बंगोप सागर) में गिरती हैं। हिमालय की नदियों को समुद्र तक पहुँचते-पहुँचते इनकी चाल मंद पड़ जाती है, जिससे ये अपने मुहाने पर पहुँचने के पहले गोखुर झील, बाढ़ का मैदान और अंत में मुहाने के पास डेल्टा का निर्माण करती हैं। लेकिन प्रायद्वीपीय नदियों में जो नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, वे ही डेल्टा बना पाती हैं वरना अरब सागर में गिरनेवाली नदियाँ अपने रास्ते में धँसान घाटी तथा मुहानों पर ज्वार - नदमुख (एस्चुअरी) का निर्माण करती हैं ।
प्रश्न 2. प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम की ओर प्रवाहित होनेवाली नदियों की तुलना कीजिए ।
उत्तर – प्रायद्वीप पठार की नदियों के दो प्रवाह हैं, कुछ नदियाँ पूर्व की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं तो कुछ पश्चिम की ओर बहती हुई अरब सागर में गिरती हैं ।
पश्चिम की ओर बहनेवाली नदियों में प्रमुख हैं: (i) नर्मदा नदी, (ii) तापी नदी । पूर्व की ओर बहनेवाली नदियाँ हैं: (i) महानदी, (ii) गोदावरी नदी, (iii) कृष्णा नदी तथा (iv) कावेरी नदी ।
नर्मदा नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक के निकट मैकाल पहाड़ी से निकलकर पश्चिम की ओर बहती हुए एक भ्रंश घाटी तक पहुँचती है और वहाँ से आगे बढ़कर अरब सागर में गिरने के पहले अनेक दर्शनीय स्थानों का निर्माण करती है। यह एक गहरे गार्ज से बहती हुई धुआँधार प्रपात अर्थात कपिलधारा जल प्रपात बनाती है । तापी नदी भी मध्य प्रदेश के ही सतपुड़ा की पहाड़ी से निकलकर भ्रंशघाटी से होती हुई खम्भात की खाड़ी में गिरती है। इनके अलावा पश्चिम की ओर बहनेवाली कुछ अन्य नदियाँ हैं साबरमती, माही तथा पेरियार | गोवा की नदियाँ मांडवी तथा जुआरी, कर्नाटक की कालिन्दी आदि अनेक महत्वहीन नदियाँ हैं । 
महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी नदियाँ पूर्व की ओर बहनेवाली नदियाँ हैं। महानदी छत्तीसगढ़ स्थित रायपुर के निकट से निकलकर उड़ीसा से बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। गोदावरी महाराष्ट्र राज्य के नासिक के निकट पश्चिम घाट से निकलकर पूर्व की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है । इसकी द्रोणी (अर्थात बेसिन) का फैलाव महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक तक फैली हुई है। इसको दक्षिण की गंगा भी कहते हैं । कृष्णा नदी महाराष्ट्र स्थित महाबालेश्वर के निकट से निकलकर पूर्व की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी अपवाद बेसिन का विस्तार महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्यों में हैं। इसकी सहायक नदियाँ हैं : दूध गंगा, पंचगंगा, तुंगभद्रा, कोयना, घाट प्रभा, माल प्रभा, पूसी, भीमा आदि । कावेरी नदी की उत्पत्ति पश्चिम घाट के ब्रह्म गिरि पहाड़ी से हुई है। इसका अपवाह बेसिन तमिलनाडु, केरल तथा कर्नाटक राज्य में है। इसकी सहायक नदियों में अमरावती, भवानी, हेमावती, लोगपावनी, अकावली, लक्ष्मणतीर्थ तथा काबिनी आदि प्रमुख हैं। यह तमिलनाडु स्थित कुडलुर में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है । इसके अतिरिक्त भी अनेक नदियाँ हैं, जो पूर्व की ओर बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। जैसे : दामोदर, ब्राह्मगी, वैतरणी, स्वर्णरेखा आदि ।
प्रश्न 3. भारत की अर्थव्यवस्था में नदियों के महत्व पर प्रकाश डॉलिए । 
उत्तर – जिस कार नदियाँ मानवीय सभ्यता एवं संस्कृति की जननी हैं, उसी प्रकार भारत की अर्थव्यवस्था में नदियों का बहुत अधिक महत्व है। आवागमन का साधन नदियाँ ही रही हैं। नदी - मार्ग से ही नाव द्वारा व्यापारिक वस्तुएँ एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जाती थीं। नदियों के अनेक प्राकृतिक जलप्रपात में वर्षों से जल विद्युत का निर्माण होता रहा है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद नदियों पर बाँध बनाकर जल विद्युत का उत्पादन प्रारंभ हुआ है । इस प्रकार देश को कम लागत से तैयार विद्युत मिलने लगा है। जल प्रपात या बाँध अच्छे पर्यटक स्थल भी हैं, जिनसे सरकार के अलावा वहाँ के निवासियों को भी आर्थिक लाभ होता है। बाँधों के पीछे एकत्र जल में मछली पालन तथा नौकायन होता है, जो सरकारी आय का जरिया बनता है। इधर आकर नदियों का आवागमन का उपयोग कम हो गया था, लेकिन सरकार का प्रयास है कि इसे पुनः चालू किया जाय । कोलकाता से इलाहाबाद तक जहाज चलाने का प्रयोग किया भी गया है। ये नदियाँ ही हैं जो उपजाऊ मैदान तथा डेल्टा का निर्माण करती हैं । यदा-कदा बाढ़ आते रहने से मैदानी भाग की धरती अन-उनजाऊ नहीं होने पाती। गंगा, सिंधु, गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टा और मैदानी भाग में जलोढ़ मिट्टी की प्रचुरता है। उत्तर बिहार में कोशी, बागमती, गंडक आदि नदियाँ तो प्रायः प्रति वर्ष बाढ़ लाती हैं और जलोढ़ मिट्टी का निक्षेप करती हैं। फलतः कृषि में ये भाग भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 40% से भी अधिक हिस्सा कृषि से ही प्राप्त होता है। कृषि से खाने के लि अन्न, दाल, सब्जी, फल आदि तो प्राप्त होते ही हैं, उद्योगों के लिए कपास, गन्ना, जूट आदि भी प्राप्त होते हैं । विभिन्न प्रकार के मसाले कृषि से ही प्राप्त होते हैं। नदियों में बहुद्देशीय परियोजनाएँ चलाई जा रही हैं । इनसे नहरों और झीलों का विकास हुआ है। बिहार में अनेक परियोजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं और अनेक निर्माणाधीन हैं। नदी घाटियों में ही जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला और पेट्रोलियम आदि प्राप्त होते हैं। इस प्रकार भारतीय अर्थव्यवस्था में नदियों का काफी महत्व है।
प्रश्न 4. भारत में झीलों के प्रकार का वर्णन उदाहरणसहित कीजिए । 
उत्तर – भारत में अनेक प्रकार की झीलें हैं, जिनमें अग्रलिखित मुख्य हैं : (i) धँसान घाटी झील, (ii) गोखुर झील, (iii) क्रेटर झील, (iv) लैगून झील, (v) अवरोधक झील, (vi) हिमानी झील, (vii) भूगर्भीय क्रियाशीलता से निर्मित झील। इनका वर्णन निम्नांकित है :
(i) धँसान घाटी झील - नदी-निर्मित धँसान घाटी में जब जल का जमाव होता है तो धँसान घाटी झील का निर्माण होता है। अफ्रीका में ऐसी झीलों की अधिकाता पाई जाती है। विक्टोरिया झील, रुडोल्फ झील, न्यासा झील आदि इसके उदाहरण हैं। भारत में तिलैया बाँध धँसान घाटी में ही झील बनाई गई है, लेकिन यह प्राकृतिक न होकर कृत्रिम है।
(ii) गोखुर झील – कभी-कभी और कहीं-कहीं विसर्पण के कारण नदी के बगल में गोखुर झील बन जाता है । होता यह है कि किसी रुकावट के कारण नदी की धारा मुड़कर गाय के के समान धारा बनाकर बहने लगती है। कालक्रम में पुनः : नदी अपना मुख्य मार्ग पकड़ लेती है और मुड़ा भाग जैसे के तैसे रह जाता है, जिससे गोखुर झील का निर्माण हो जाता है। बेतिया का सरैया मान और बेगूसराय की काँवर झील गोखुर झील के ही उदाहरण हैं ।
(iii) क्रेटर झील – जब ज्वालामुखीय क्रेटर निष्क्रिय हो जाते हैं तो क्रेटर में वर्षा जल एकत्र हो जाता है और होते रहता है । इससे वहाँ एक प्राकृतिक झील का निर्माण हो जाता है। बोलविया का टिटीकाका झील और टर्की का बौन झील क्रेटर झील के ही उदाहरण हैं। भारत में एकमात्र लोनार झील ऐसी ही झील का उदाहरण हैं।
(iv) लैगून झील –स्पिट या रोधिवा द्वारा समुद्र तटीय प्रदेशों में जब जल समुद्र से अलग-अलग अस्तित्व बना लेता है तब लैगून झील बनती है। भारत का चिल्का झील तथा पुलीकत झील लैगून झीलों के ही उदाहरण हैं।
(v) अवरोध झील – कहीं-कहीं और कभी-कभी पहाड़ी भागों में भूस्खलन के कारण चाट्टानें गिरकर नदी का मार्ग रोक देती हैं। इसका परिणाम होता है कि नदी अपना कोई अन्य मार्ग पकड़ लेती है। रोके गए स्थान में जल एकत्र रह ही जाता है, जिससे अवरोधक झील का निर्माण होता है।
(vi) हिमानी झील – बर्फीले स्थानों ने हिमानी झील का निर्माण होता है। हिमानियों के बर्फ पिघलने से उन झीलों का निर्माण होता है। नैनीताल झील, भीमताल झील, सातताल झील आदि हिमानी झीलों के अच्छे उदाहरण हैं।
(vii) भूगर्भीय सक्रियता से निर्मित झील – भूकम्प आदि के कारण कभी-कभी नीचे से जल का उछाल होता है। यदि जल कम रहा तो समयांतराल में सूख है। लेकिन जल की मात्रा अधिक रही तो झील का निर्माण हो जाता है। श्रीनगर वूलर झील इसी प्रकार से निर्मित झील है। वहाँ की डल झील भी सम्भवतः ऐसी जाता का ही झील है ।
मानचित्र कार्य:
प्रश्न (क) भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित नदियों को चिह्नित कीजिए तथा उनके नाम लिखिए :
गंगा, सतलुज, दामोदर, कृष्णा, नर्मदा, तापी, महानदी, दिहांग । 
( ख ) भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित झीलों को चिह्नित कीजिए :
चिल्का, सांभर, वूलर, पुलीकट तथा कोलेरू ।
उत्तर : 
Class 9th NCERT Geography Chapter 3  BTC Bhugol Kitab  अपवाह स्वरूप  क्लास 9वीं भूगोल अध्याय 3  सभी प्रश्नों के उत्तर  SM Study Point

कुछ अन्य प्रमुख प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. विश्व का सबसे बड़ा अपवाह बेसिन किस नदी का है ? 
उत्तर – विश्व का सबसे बड़ा अपवाह बेसिन अमेजन नदी का है। 
प्रश्न 2. भारत में किस नदी का अपवाह बेसिन सबसे बड़ा है ? 
उत्तर – भारत में गंगा नदी का अपवाह बेसिन सबसे बड़ा है । 
प्रश्न 3. नदियाँ अपने गाद से किस प्राकृतिक तंत्र का निर्माण करती हैं, जो मानव अधिवास के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है ? 
उत्तर – नदियाँ अपने गांद अधिवास से प्राकृतिक 'तटबंध' का निर्माण करती हैं, जो मानव के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है।
प्रश्न 4. बिहार की राजधानी पटना किस नदी के प्राकृतिक तटबंधपर अवस्थित है ?
उत्तर — बिहार की राजधानी पटना 'गंगा' नदी के प्राकृतिक तटबंध पर अवस्थित है। 
प्रश्न 5. सिंधु जल समझौता किस देश के साथ हुई ? 
उत्तर – सिंधु जल समझोता पाकिस्तान के साथ हुई ।
प्रश्न 6. पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता कब हुई ? 
उत्तर – पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता 1960 में हुई ।
प्रश्न 7. पाकिस्तान-भारत सिंधु जल समझौता से भारत को कितना जल मिलने की बात तय हुई? इससे भारत के कौन-कौन राज्य लाभान्वित होते हैं ?
उत्तर–पाकिस्तान-भारत सिंधु जल समझौता के अनुसार भारत उसके 20% जल का उपयोग कर सकेगा। इस जल से भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान एवं दक्षिण भारत के कुछ राज्य लाभान्वित होंगे ।
प्रश्न 8. ब्रह्मपुत्र नदी को क्रमशः तिब्बत और बांग्लादेश में किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर - ब्रह्मपुत्र नदी को क्रमशः तिब्बत में 'शांग-पो' तथा बांग्लादेश में 'जमुना' नाम से जाना जाता है । 
प्रश्न 9. वह कौन-सी नदी है जो तीन देशों से होकर बहती है ? 
उत्तर – वह नदी ब्रह्मपुत्र है, जो तीन देशों उसे होकर बहती है। वे देश हैं : तिब्बत, भारत और बांग्लादेश
प्रश्न 10. भारत में प्रवाहित होनेवाली प्रमुख पूर्ववर्ती नदियों के नाम लिखिए ।
उत्तर – भारत में गंगा, यमुना, गंडक, बागमती, कोसी नदियाँ पूर्ववती नदी हैं । 
प्रश्न 11. बिहार में 'टाल' का विस्तार कहाँ है? यह किस नदी द्वारा लाई मिट्टी से बना है ?
उत्तर – बिहार में 'टाल' का विस्तार पटना जिले में है। यह गंगा के द्वारा लाई बाढ़ की मिट्टी से बना है।
प्रश्न 12. बिहार का शोक किस नदी को कहा जाता है ? 
उत्तर- बिहार का शोक 'कोसी नदी' को कहा जाता है।
प्रश्न 13. बिहार राज्य में गर्म पानी तथा ठंडे पानी का झरना कहाँ है? 
उत्तर – बिहार राज्य में गर्म पानी का झरना राजगीर में तथा ठंडे पानी का झरना। ककोलत में है।
प्रश्न 14. साबरमती तथा माही नदियाँ किस राज्य में बहती हैं? 
उत्तर – साबरमती तथा माही नदियाँ गुजरात राज्य में बहती हैं । ।
प्रश्न 15. शिवसमुद्रम जलप्रपात भारत का दूसरा सबसे बड़ा जल प्रपात है । यह किस नदी पर है ?
उत्तर - शिवसमुद्रम जल प्रपात भारत का दूसरा सबसे बड़ा जल प्रपात है, जो कावेरी नदी पर है ।
प्रश्न 16. भारत का सबसे बड़ा जल प्रपात कौन-सा है और वह किस राज्य में है ? इससे होकर कौन-सी नदी बहती है ?
उत्तर – भारत का सबसे बड़ा जल प्रपात 'हँडरू का जलप्रपात' है । यह झारखंड राज्य में राँची के निकट है। इससे होकर स्वर्ण रेखा नदी बहती है।
प्रश्न 17. भारत का सबसे लम्बा सड़क पुल किस नदी पर है और यह कहाँ है ? 
उत्तर – भारत का सबसे लम्बा पुल ( 7 किमी) सड़क पुल गंगा नदी पर है, जिसका नाम गाँधी सेतु है और यह पटना में है।  
प्रश्न 18. वैसे किन्हीं तीन झीलों के नाम बताइए, जिन्हें सागर कहा जाता है ? 
उत्तर – ये झीलें निम्नलिखित हैं, जिन्हें सागर कहा जाता है ।
(i) कैस्पियन सागर, (ii) मृत सागर तथा (iii) अरब सागर । 
प्रश्न 19. अम्ल वर्षा के क्या कारण हैं ?
उत्तर – अम्ल वर्षा का मुख्य कारण तो यह है कि नदियों में उनके तट पर अवस्थित कारखाने रसायनों को बहा देते हैं। इसके अलावा खेतों में रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी का अधिक उपयोग भी अम्ल वर्षा के कारण हैं ।
प्रश्न 20. एशिया की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना कौन-सी है? 
उत्तर – भागीरथी (गंगा) नदी पर बनी नदी घाटी परियोजना एशिया की सबसे बड़ी परियोजना है।
प्रश्न 21. भारत में सबसे विशाल डेल्टा कौन-सा है ?
उत्तर—भारत में सबसे विशाल डेल्टा सुन्दरवन का डेल्टा है । इसे गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों— दोनों ने मिलकर बनाया है। वास्तव में समुद्र के निकट पहुँचने पर नदियों का प्रवाह कुछ धीमा हो जाता है। इससे उनके साथ आई गादरूपी मिट्टी एकत्र हो जाती है और डेल्टा अपना रूप धारण कर लेता है। डेल्टा का आकार ग्रीक अक्षर 4 (डेल्टा) जैसा होता है। इसी कारण इसका नाम डेल्टा पड़ गया है ।

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