I. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
निर्देश : नीचे दिए गए प्रश्नों में चार संकेत चिह्न हैं, जिनमें एक सही या सबसे उपयुक्त है। प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रश्न - संख्या के सामने वह संकेत चिह्न (क, ख, ग, घ) लिखें, जो सही अथवा सबसे उपयुक्त हो ।
1. निम्नलिखित में से कौन-सी चोटी भारत में स्थति नहीं है ?
(क) के2
(ख) कामेट
(ग) माउण्ट एवरेस्ट
(घ) नंदा देवी
2. बिहार के उत्तर पश्चिमी किनारे पर हिमालय की कौन-सी श्रेणी है ?
(क) महान हिमालय
(ख) शिवालिक
(ग) मध्य हिमालय
(घ) पूर्वी हिमालय
3. हिमालय के निर्माण में कौन-सा सिद्धांत सर्वमान्य है ?
(क) महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धान्त
(ख) भूमंडलीय गतिशीलता सिद्धान्त
(ग) प्लेट विवर्तनिक सिद्धान्त
(घ) इनमें से कोई नहीं
4. सैडल चोटी की ऊँचाई है :
(क) 515 मी.
(ख) 460 मी. .
(ग) 642 मी.
(घ) 738 मी.
5. भारत का सबसे प्राचीन भूखण्ड है?
(क) प्रायद्वीपीय पठार
(ख) विशाल मैदान
(ग) उत्तर का पर्वतीय भाग
(घ) तटीय भाग
उत्तर – 1. (ग), 2. (ख), 3. (ग), 4. (ग), 5. (क) ।
II. लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. हिमालय की तीन समांतर श्रेणियों के नाम लिखें ।
उत्तर – हिमालय की तीन समांतर श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं :
(i) महान हिमालय या हिमाद्री
(ii) लघु हिमालय या मध्य हिमालय,
(iii) बाहरी हिमालय या शिवालिक श्रेणीं ।
प्रश्न 2. काराकोरम के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर का क्या नाम है ?
उत्तर – काराकोरम के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर का नाम है : K 2 या गौरीनन्दा पर्वत । इसे गाडविन आस्टीन भी कहते हैं ।
प्रश्न 3. कौन-सा तटीय मैदान अपेक्षाकृत अधिक चौड़ा है ?
उत्तर – पूर्व तटीय मैदान पश्चिम तटीय मैदान की अपेक्षा अधिक चौड़ा है। इसकी चौड़ाई 160 किमी से लेकर 350 किमी तक है। यह मैदान गंगा के मुहाने के पास अधिक चौड़ा है और क्रमशः संकरा होते हुए कन्याकुमारी तक चला गया है।
प्रश्न 4. तटीय मैदान में स्थित तीन झीलों के नाम लिखें।
उत्तर - तटीय मैदान में स्थिति तीन झीलों के नाम निम्नलिखित हैं:
(i) न्यू मँगलूर झील, (ii) कोची झील तथा (iii) लैगून झील |
प्रश्न 5. पश्चिम घाट पर्वत का दूसरा नाम क्या है ?
उत्तर-पश्चिम घाट पर्वत का दूसरा नाम 'सह्याद्रि' है ।
प्रश्न 6. मध्य गंगा के मैदान की चार विशेषताएँ बताएँ ।
उत्तर – मध्य गंगा के मैदान की चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
(i) इसका फैलाव पश्चिम में यमुना नदी से लेकर पूर्व में बंगलादेश की पश्चिमी सीमा तक फैला है।
(ii) यह घघ्घर से तिस्ता नदी तक लगभग 1400 किमी लंबा है ।
(iii) इसकी ढाल सामान्यतः उत्तर पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है।
(iv) यह सबसे उपजाऊ भाग है। इस कारण यहाँ की जनसंख्या बहुत घनी है ।
प्रश्न 7. हिमालय और प्राद्वीपीय पर्वतों के दो प्रमुख अंतर बताएँ ।
उत्तर – हिमालय तथा प्राद्वीपीय पर्वतों के दो प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं -
(i) हिमालय में ऊँची-ऊँची शृंखलाएँ हैं, जबकि प्रायद्वीपीय पर्वतों पर ऊँची शृंखलाओं का अभाव है।
(ii) हिमालय पर सदा बर्फ दिखाई देता है जबकि प्रायद्वीपीय पर्वतों पर बर्फ जमता ही नहीं ।
प्रश्न 8. 'खादर' तथा 'बांगर' किसे कहते हैं?
उत्तर – गंगा के मैदान के सुदूर क्षेत्रों में जहाँ की मिट्टी पुरानी पड़ गई है, और बाढ़ का पानी वहाँ नहीं पहुँचता, वैसे स्थान की मिट्टी को 'बांगर' कहते हैं । बांगर क्षेत्र की मिट्टी कम उपजाऊ होती हैं । ठीक इसके विपरीत जिस क्षेत्र में लगभग प्रति वर्ष बाढ़ का पानी फैलकर नई मिट्टी की परत जमा करते रहता है, उस क्षेत्र को 'खादर' कहते हैं । 'खादर' क्षेत्र की मिट्टी काफी उपजाऊ होती है ।
प्रश्न 9. पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट में अंतर बताएँ ।
उत्तर – पूर्व तटीय मैदान के समांतर महानदी की घाटी से दक्षिण में नीलगिरि तक दक्षिणी-पूर्वी दिशा में 1800 किमी की लम्बाई में फैले पहाड़ को 'पूर्वी घाट' कहते हैं । यह अत्यधिक कटा-छँटा है तथा पहाड़ियों के रूप में है। इसकी प्रमुख पहाड़ियाँ महेन्द्रगिरि नलामलाई, पालकोंडा, अनामलाई पचामलाई शिसवराय, पलनी और वलंगगिरि हैं ।
उत्तर में तापी नदी के बाएँ तट से आरम्भ होकर दक्षिण में कन्याकुमारी अंतरीप तक 1600 किमी की लम्बाई में फैले हुए पहाड़ को 'पश्चिमी घाट' पर्वत कहते हैं । इसे सह्याद्रि के नाम से भी जानते हैं। इसमें चार दर्रे प्रमुख हैं: उत्तर से दक्षिण क्रमशः थालघाट, भोरघाट, पालघाट और शिनकोटा ।
III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. उत्तर के विशाल मैदान की विशेषताओं को लिखें ।
उत्तर – उत्तर का विशाल मैदान हिमालय के दक्षिण और दक्षिणी पठार के बीच में अवस्थित है। इस विशाल मैदान को सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान नाम से भी जाना जाता है । यह पूरा मैदान जलोढ़ मिट्टी से बना है। देश का यह काफी उपजाऊ क्षेत्र है। यही कारण है कि यह मैदान सम्पूर्ण देश की अपेक्षा सर्वाधिक घना बसा मैदान है। इस क्षेत्र में रेल और सड़क मार्गों की भरमार है। इस मैदान का सम्पूर्ण क्षेत्रफल लगभग 7 लाख वर्ग किलोमीटर है। पश्चिम से पूर्व इसकी लम्बाई 2400 किमी और उत्तर से दक्षिण चौड़ाई 150 किमी से लेकर 500 किमी है। पश्चिम में यह अधिक चौड़ा है, जबकि पूरब में क्रमशः संकरा होता गया है। समुद्रतल से इसकी ऊँचाई कहीं भी 240 मीटर से अधिक नहीं है । पश्चिम में इस मैदान का ढाल उत्तर पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर है वहीं पूर्वी मैदान का ढाल उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है ।
इस विशाल मैदान के मुख्यतः चार उपभाग है। सिंधु और इसकी सहायक नदियों से बना मैदान पंजाब का मैदान है। भारत में पंजाब तथा हरियाणा का पश्चिमी भाग इसी उपभाग में आते हैं। दूसरा उपभाग राजस्थान का मैदान है। इसका विस्तार अरावली पहाड़ के पश्चिम में है। यमुना नदी से पूर्व से लेकर बंगलादेश की सीमा तक फैले इस उपभाग को मध्यवर्ती गंगा का मैदान कहते हैं। इनके अलावा ऊपरी गंगा का मैदान और निचली गंगा का मैदान भी हैं ।
उत्तरी-पश्चिमी भाग की शिवालिक पहाड़ी और दक्षिण में छिटफुट पहाड़ियों को छोड़ बिहार का सम्पूर्ण भाग समतल है ।
प्रश्न 2. प्रायद्वीपीय पठार को विभाजित कर किसी एक की चर्चा विस्तार से करें ।
उत्तर – प्रायद्वीपीय पठार की आकृति त्रिभुजाकार है। यह प्राचीन गौंडवाना लैंड का एक भाग है। यह पठार उत्तर में चौड़ा है जो दक्षिण में क्रमशः संकरा हो गया है। इसकी औसत ऊँचाई 600 से 900 मीटर के बीच है । प्रायद्वीप के उत्तर में अरावली, विंध्याचल और सतपुड़ा की पहाड़ियाँ हैं । पश्चिम में पश्चिमी घाट ओर पूरब में पूर्वी घाट पहाड़ियाँ हैं। इस पठार के दो मुख्य भाग हैं : (क) मध्य की उच्च भूमि तथा (ख) दक्कन का पठार |
मध्य की उच्च भूमि — मध्य की उच्च भूमि का अधिकांश मालवा का पठार कहलाता है। यह भाग पूरब में महादेव शृंखला से घिरा हुआ है। इसके पश्चिम में राजस्थान का मरुस्थलीय क्षेत्र है । यहाँ की मुख्य नदियों में चंबल, बेतवा, केन आदि हैं। इसका दक्षिणी ढाल दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर है। यह भाग पश्चिम में चौड़ा और पूरब में संकरा है। इसके पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुन्देलखण्ड तथा बघेलखण्ड के नाम से जाना जाता है। इसके सुदूर पूर्व के विस्तार को दामोदर और स्वर्ण रेखा नदियों द्वारा अपवाहित छोटानागपुर का पठार कहा जाता है।
विंध्याचल के दक्षिण में इन्हीं के समांतर सतपुड़ा पर्वत तथा पूरब में अमरकंटक और छोटानागपुर का पठार है। सतपुड़ा पहाड़ की धूपगढ़ चोटी पंचमढ़ी पहाड़ी पर अवस्थित है जो एक प्रसिद्ध शैलावास है। छोटा नागपुर का पठार भी एक सुस्पष्ट स्वतंत्र पठार इकाई है। इसका विस्तार बिहार राज्य के गया जिले के दक्षिणी सीमा तक फैला है । इस भाग की मुख्य नदियाँ दामोदर, सोन और स्वर्णरेखा हैं। यह पठार त्रिपदीय है । इसके पश्चिम का मध्य भाग 1100 मीटर ऊँचा है, जो 'पात क्षेत्र कहलाता है और यही छोटानागपुर का सबसे ऊँचा पठारी भाग है। झारखंड राज्य के राँची और जमशेदपुर नगर यहीं अवस्थित हैं। राँची का पठार इसके पूरब में पड़ता है, जिसकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है। तीसरा पठार निचले हजारीबाग का पठार है, जिसकी ऊँचाई 300 मीटर के लगभग है। पारसनाथ पहाड़ी की ऊँचाई 1365 मीटर है।
प्रश्न 3. हिमालय पर्वत श्रृंखला की विशेषताओं का वर्णन करें ।
उत्तर – हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत की उत्तरी सीमा पर पश्चिम में से पूरब तक फैला हुआ है। पश्चिम में यह सिंधु तथा पूर्व में ब्रह्मपुत्र को स्पर्श करता है । यह पश्चिम से पूरब धनुषाकार रूप में फैला हुआ है, जिसकी औसत लम्बाई 2500 किमी के लगभग है। पश्चिम में कश्मीर में इसकी चौड़ाई जहाँ 500 किमी है वहीं पूरब में अरुणाचल प्रदेश में मात्र 160 किमी है। पश्चिमी भाग की अपेक्षा पूर्वी भाग की ऊँचाई में भी काफी अंतर है । हिमालय का औसत क्षेत्रफल लगभग 5 लाख वर्ग किमी है । हिमालय की तीन समांतर शृंखलाएँ हैं। सबसे उत्तरी भाग की श्रृंखला को 'महान हिमालय' या 'हिमद्रि' कहते हैं।
महान हिमालय सबसे अधिक स्थायी श्रृंखला है, जिसकी औसत ऊँचाई 6100 मीटर है । इस शृंखला की खास विशेषता यह है कि सर्वाधिक ऊँचे तथा प्रमुख शिखर इसी : भाग में हैं। महान हिमालय की ऊपरी भाग सदैव बर्फ से आच्छादित रहता है। इसी भांग से अनक नामी हिमानियाँ प्रवाहित होती हैं ।
जम्मू-कश्मीर के उत्तर में जास्कर पर्वत श्रेणी तथा लद्दाख पर्वत श्रेणी हैं। काराकोरम पर्वत श्रेणी, जिसे ट्रांस हिमालय भी कहा जाता है, महान हिमालय के उत्तर में ही अवस्थित है। K पर्वत शिखर महान हिमालय का सर्वाधिक दूसरा ऊँचा शिखर ( 8611 मीटर) है। K, को गडविन आस्टिन या गौरीनन्दा के नाम से भी जाना जाता है ।
महान हिमालय के समांतर दक्षिणी ओर स्थित लघु हिमालय या मध्य हिमालय है । यह हिमालय की सर्वाधिक कटी-छंटी शृंखला है । अत्यधिक संपीडित तथा परिवर्तित शैलों से इसका निर्माण हुआ है। इसकी ऊँचाई 1800 मीटर से 4500 मीटर के बीच है तथा औसत चौड़ाई 50 किमी है। प्रसिद्ध शैलावास कश्मीर, शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग आदि इसी भाग में हैं ।
हिमालय का सबसे दक्षिणी शृंखला को बाहरी हिमालय, उपहिमालय अथवा शिवालिक कहा जाता है । यह पश्चिम में पोतवार के पठार से लेकर पूरब की ओर तिस्ता नदी तक फैला है। इसकी औसत ऊँचाई 1200 किमी है तथा चौड़ाई 10 से 50 किमी है। देहरादून, कोटलीदून, बुटबाल, कांगड़ा घाटी आदि इसी भाग में हैं। बिहार राज्य में पश्चिम चम्पारण का उत्तर पश्चिम पहाड़ी भाग इसी श्रृंखला में आता है। बिहार राज्य में लगभग 856 वर्ग किमी क्षेत्र में इसका विस्तार है । ये सोमेश्वर की पहाड़ियों के नाम से प्रसिद्ध हैं।
ज्ञात करें :
प्रश्न 1. हिमालय में पाई जानेवाली प्रमुख हिमानियों एवं दर्रों के नाम लिखें ।
उत्तर : हिमालय की प्रमुख हिमानियाँ : (i) गंगोत्री, (ii) यमुनोत्री, (iii) सियाचिन, (iv) बल्टोरा, (v) बिआको तथा (vi) बतूरा ।
हिमालय के प्रमुख दर्रे : (i) जोजिला, (ii) बुर्जिल, (iii) बड़ा लाचला, (iv) शिपकीला, (v) थागला, (vi) नाथुला, (vii) जालेपला ।
प्रश्न 2. भारत के उन राज्यों के नाम बताएँ जहाँ हिमालय के ऊँचे शिखर स्थित है ।
उत्तर :
शिखर |
राज्य |
K2
या गाविन आस्टिन |
जम्मू-कश्मीर
|
कंचन
जंगा |
सिक्किम
|
नंगा
पर्वत |
जम्मू-कश्मीर
|
अन्नपूर्णा
|
नेपाल
|
कामेट
|
नेपाल
|
नामाचा
बरुआ |
नेपाल
|
प्रश्न 3. मसूरी, नैनीताल एवं रानीखेत की स्थिति बताएं और राज्यों के नाम लिखे ।
उत्तर :
स्थान |
स्थिति |
राज्य |
मसूरी
|
लघु
हिमालय और बाहरी हिमालय के बीच |
उत्तराखंड
|
नैनीताल
|
लघु
हिमालय और बाहरी हिमालय के बीच |
उत्तराखंड
|
रानीखेत
|
बाहरी
हिमालय |
उत्तराखंड
|
प्रश्न 4. विश्व का सबसे बड़ा नदीय द्वीप माजोली किस नदी और किस राज्य में है ?
उत्तर – विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप 'भाजोली' ब्रह्मपुत्र नदी में है और वह असम राज्य में पड़ता है ।
प्रश्न 5. भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कहाँ स्थित है ?
उत्तर – अण्डमान द्वीप समूह के उत्तर में एक छोटा द्वीप है, जो जनविहीन है। वहीं पर अनामिका ज्वालामुखी है, जो आज भी सक्रिय है।
IV. मानचित्र कार्य :
प्रश्न : भारत के मानचित्र पर निम्नलिखित को दिखाएँ :
1. पर्वत शिखर : K, कंचनजंगा, नंगापर्वत, नन्दादेवी ।
2. पठार : छोटानागपुर, बुंदेलखंड, मालवा।
3. थार मरुस्थल, गंगा-यमुना दोआब, अरावली पर्वत ।
4. पंजाब का मैदान, ब्रह्मपुत्र का मैदान ।
क्रियाकलाप :
संकेत : क्रियाकलाप के तीनों प्रश्न परियोजना कार्य हैं। छात्र/छात्रा स्वयं करें ।
कुछ अन्य प्रमुख प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग कितने वर्ष पहले हुई थी ?
उत्तर – पृथ्वी की उत्पत्ति लगभग 5 अरब वर्ष पहले हुई थी ।
प्रश्न 2. पृथ्वी की आयु को किस इकाई में बाँटा गया है ?
उत्तर – पृथ्वी की आयु को महाकल्पों ( era) की इकाई में बाँटा गया है ।
प्रश्न 3. महाकल्प कितने हैं?
उत्तर – महाकल्प चार हैं : (i) अजैविक, (ii) पुराजीव या प्रारंभिक जीव, (iii) मध्य या द्वितीय जीव तथा (iv) नूतन जीव । पुनः इसे कल्पों में बाँटा गया है ।
प्रश्न 4. कहा जाता है कि प्राचीनकाल में भूमंडल पर केवल एक ही भूखंड था । इसका नाम बताइए तथा इसके चारों ओर के भूखंडों के नाम लिखिए।
उत्तर – यह सही है कि प्राचीनकाल में भूमंडल पर मात्र एक ही भूखंड था । उसका नाम थाः ‘पैंजिया' । पैजिया के उत्तरी भाग में 'अंगारालैंड', दक्षिणी भाग में 'गोंडवाना लैंड, मध्य भाग में 'टेनिथ' सागर था । भारत की आधार भूमि वास्तव में गोंडवाना लैंड ही है ।
प्रश्न 5. पंजाब शब्द कैसे बना और इसका शाब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर – पंजाब दो शब्दों के मेल से बना है और ये दोनों शब्द फारसी के हैं। 'पंज' का अर्थ है पाँच तथा 'अब' का अर्थ है पानी। इन्हीं दो शब्दों से पंज + अब = पंजाब बना है। अर्थात पाँच पानी (नदी) वाला क्षेत्र ।