प्रश्न 1. शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – शुद्ध पदार्थ का अर्थ होता है कि पदार्थ में कोई मिलावट नहीं है। वैज्ञानिकों की दृष्टि में सभी वस्तुएँ विभिन्न पदार्थों के मिश्रण हैं, अतः शुद्ध नहीं हैं। उदाहरण के लिए, दूध को लें। यह जल, वसा, प्रोटीन आदि का मिश्रण है। जब एक वैज्ञानिक किसी पदार्थ को शुद्ध कहता है तो इसका तात्पर्य है कि उस पदार्थ में मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हैं। अतः एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है।
प्रश्न 2. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अंतर बताएँ ।
उत्तर – समांगी और विषमांगी मिश्रणों में निम्नलिखित अन्तर हैं :
समांगी मिश्रण – समूह 'अ' और 'ब' को एक मिश्रण प्राप्त होता है जिसकी बनावट समान होती है। इस तरह के मिश्रण को हम समांगी मिश्रण कहते हैं ।
विषमांगी मिश्रण – समूह 'स' और 'द' ने जो मिश्रण प्राप्त किया है, उनके अंश भौतिक दृष्टि से पृथक हैं। अत: इस तरह के मिश्रण को विषमांगी मिश्रण कहते हैं ।
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प्रश्न 1. उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए ।
उत्तर – वायु गैस में गैस का मिश्रण है । यह सामान्यतः दो घटकों— ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का समांगी मिश्रण है। नाइट्रोजन को वायु का विलायक भी कहा जाता है। वास्तव में विलयन भी एक समांगी मिश्रण ही होता है ।
चावल में कंकड़, आटा में चोकर आदि विषमांगी मिश्रण हैं। इनके मिश्रण को साधारण भौतिक क्रिया द्वारा पृथक किया जा सकता है, जैसे हाथ से चुनकर, छन्नी से छानकर, जो हम प्रतिदिन व्यवहार में लाते हैं। कभी-कभी विषमांगी मिश्रण से घटकों को पृथक करने के लिए विशेष तकनीकों को प्रयोग में लाया जाता है।
प्रश्न 2. विलयन, निलंबन और कोलाइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर – विलयन — विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है। नींबू-पानी, सोडावाटर, शीतल पेय आदि विलयन के उदाहरण हैं।
निलंबन – क्रियाकलाप 2.2 में समूह 'स' के द्वारा पाया गया किसी विषमांगी घोल में जो ठोस परिक्षेपित होकर पेंदी पर बैठ जाता है, निलंबन कहलाता है ।
कोलाइड – विभिन्न संघटकों के मिश्रण को कोलाइड कहते हैं । इस प्रकार कोलाइड के संघटक एक-दूसरे से काफी भिन्न होते हैं।
प्रश्न 3. एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293K पर घोला जाता है । इस तापमान पर इसकी सांद्रता प्राप्त करें ।
उतर : एक संतृप्त विलयन बनाने के लिए 36g सोडियम क्लोराइड को 100 g जल में 293 K पर घोला जाता है। इसी तापमान पर इसकी सांद्रता ज्ञात करनी है ।
क्रिया : सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान = 36g
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 100 g
जैसा कि हम जानते हैं :
विलयन का द्रव्यमान = विलेय का द्रव्यमान + विलायक का द्रव्यमान = 1 36g + 100g = 136g
विलेय का द्रव्यमान/विलयन का द्रव्यमान × 100
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प्रश्न 1. पेट्रोल और मिट्टी का तेल (kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे। पेट्रोल तथा मिट्टी के तेल के क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अंतराल है।
उत्तर – पेट्रोल और मिट्टी के तेल को पृथक् करने के लिए प्रभाजी आसन विधि को अपनाया जाता है। मिट्टी के तेल और पेट्रोल के मिश्रण को एक प्रभाजी आसन स्तम्भ में ले जाते हैं। फिर ताप को घटाकर उसे ठंडाकर संपीड़ित करते हैं। इससे वाष्प अपने आप क्वथनांक के अनुसार पृथक् हो जाते हैं ।
प्रश्न 2. पृथक् करने के सामान्य विधियों के नाम दें:
(i) दही से मक्खन । (ii) समुद्री जल से नमक । (iii) नमक से कपूर
उत्तर : (i) दही से मक्खन अपकेन्द्रन के द्वारा पृथक् किया जाता है।
(ii) जल से नमक वाष्पीकरण द्वारा पृथक् किया जाता है।
(iii) नमक से कपूर उर्ध्वपातन विधि से पृथक् किया जाता है।
प्रश्न 3. क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर – क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग ठोस पदार्थों को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। जैसे समुद्री जल से नमक प्राप्त करते हैं । क्रिस्टलीकरण वह विधि है, जिसके द्वारा क्रिस्टल के रूप में शुद्ध ठोस को विलयन से पृथक किया जाता है।
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प्रश्न 1. निम्नांकित को रासायनिक और भौतिक परिवर्तन में वर्गीकृत करें :
(i) पेड़ों को काटना = रासायनिक परिवर्तन
(ii) मक्खन का एक बर्तन में पिघलाना = रासायनिक परिवर्तन
(iii) आलमारी में जंग लगना = भौतिक परिवर्तन
(iv) जल का उबलकर वाष्प बनना = भौतिक परिवर्तन
(v) विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसो में विघटित होना = रासायनिक परिवर्तन
(vi) जल में साधारण नमक का घुलना = भौतिक परिवर्तन
(vii) फलों से सलाद बनाना = रासायनिक परिवर्तन
(viii) लकड़ी और कागज का जलना = भौतिक परिवर्तन
प्रश्न 2. आस-पास की चीज़ों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण से अलग करने का प्रयत्न करें ।
उत्तर- संकेत- यह परियोजना कार्य है। छात्र स्वयं करें ।
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे ?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में |
उत्तर : वाष्पीकरण
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
उत्तर : उर्ध्वपातन
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन ऑयल से पृथक् करने में ।
उत्तर : चुम्बकीय विधि
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
उत्तर : अपकेन्द्रीकरण
(e) जल से तेल निकालने के लिए।
उत्तर : कीप पृथक्करण
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में ।
उत्तर : छानने की क्रिया
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में ।
उत्तर : चुम्बकीय पृथक्करण
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक करने में।
उत्त्तर : ओसाई
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
उत्तर : छानने और निथारने की क्रिया
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर : क्रोमेटोग्राफी
प्रश्न 2. चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे ?
विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर : (a) पतेली में थोड़ा पानी गर्म करें (विलायक) ।
(b) एक केतली में थोड़ी चायपत्तियाँ (विलेय) डालें ।
(c) खौलते पानी को केतली में डालें और पत्तियों को कुछ देर खौलने दें ताकि वह विलयन में बदल जाय ।
(d) चीनी मिट्टी के कप में चीनी डालें (विलेय ) |
(e) विलयन को केतली में हिलाएँ ।
(f) छन्ना से छानकर विलयन को कप में डालें। दो छोटे चम्मच दूध डालें और चम्मच से मिलाएँ । अब चाय तैयार हो गयी। चाय की पत्तियाँ छन्ना में रह . जायेंगी जबकि चाय विलयन में घुल जायगा। चीनी और दूध घुलनशील विलेय हैं, जहाँ चाय की पत्तियाँ अघुलनशील विलेय हैं ।
प्रश्न 3. प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान पर जाँचा तथा नीचे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों को 100g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो संतृप्त विलयन बनाने हेतु पर्याप्त है, निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है:
विलय पदार्थ |
|
||||||||||||||||||||
पोटैशियम
नाइट्रोजन सोडियम
क्लोराइड पोटैशियम
क्लोराइड अमोनियम
क्लोराइड |
|
(a) 50g जल में 313 K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी ?
उत्तर : 50 g जल में 313 K ताप पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन को प्राप्त करने के लिए 31 g पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी।
(b) प्रज्ञा 353K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त विलयन तैयार करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़ देती है। जब विलयन ठंडा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी ? स्पष्ट करें।
उत्तर : किसी विशिष्ट तापमान पर किसी संतृप्त विलयन को कमरे के तापमान पर धीरे-धीरे ठंडा करने पर हम यही कह सकते हैं कि दिए हुए निश्चित तापमान पर विभिन्न पदार्थों की विलियम क्षमता विभिन्न होगी।
(c ) 293K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें। इस तापमान पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा ?
उत्तर : 293 K पर सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता 36, पोटैशियम क्लोराइड की घुलनशीलता 35 और अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता 37 है। इस प्रकार हम देखते हैं. कि इस तापमान पर अमोनियम क्लोराइड की घुलनशीलता सर्वाधिक है।
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलनशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – विभिन्न तापमानों पर लवण की घुलनशीलता घटती-बढ़ती रहती है। किसी निश्चित तापमान पर उतना ही विलेय पदार्थ घुल सकता है जितनी विलयन की क्षमता होगी ।
प्रश्न 4. निम्नांकित को उदाहरणसहित व्याख्या करें :
(a) संतृप्त विलयन (b) शुद्ध पदार्थ (c) कोलाइड (d) निलंबन
उत्तर-(a) संतृप्त विलयन – किसी निश्चित तापमान पर यदि विलयन में और अधिक विलेय पदार्थ को घुलाने की क्षमता नहीं रहती, इसे संतृप्त विलयन कहते हैं। यदि हम जबरदस्ती उसमें और विलेय डालते हैं तो वह ठोस रूप में अलग हो जाता है। अतः स्पष्ट है कि जिस विलयन में किसी निश्चित ताप पर और विलेय को घुलाने की क्षमता नहीं रहती, उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।
(b) शुद्ध पदार्थ – शुद्ध पदार्थ से मतलब है कि उस पदार्थ में उपस्थित सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हैं। उनमें कोई अन्य रासायनिक कण मिश्रित नहीं हैं। इस प्रकार स्पष्ट होता है कि शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से बने होते हैं। जैसे–चीनी ।
(c) कोलाइड – कोलाइड वास्तव में विलयन और निलंबन के बीच की स्थिति वाले होते हैं। इसे न तो विलयन ही कहा जाएगा और न तो निलम्बन ही। इनमें ठोस कण 10 - 9 मीटर से 10' मीटर के बीच के आकार के होते हैं। कोलाइड में घुले कण परिरक्षित अवस्था में होते हैं। ये निलंबित नहीं हो सकते । कोलाइड के उदाहरण हैं: दूध, रक्त, स्याही आदि ।
(d) निलंबन – किसी द्रव में किसी ठोस के मिश्रण को निलम्बन कहते हैं। ये द्रव में मिश्रित से दिखते तो हैं, लेकिन वास्तव में ये मिश्रित रहते नहीं। स्थिर छोड़ देने पर पात्र की पेंदी में ठोस के रूप में एकत्र हो जाते हैं। उदाहरण है: गंदला पानी, चूने और पानी का मिश्रण। गुरुत्व के कारण ठोस पदार्थ नीचे बैठ जाते हैं।
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत करें : सोडाजल, लकड़ी, बर्फ़, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय ।
उत्तर : सोडाजल - समांगी
लकड़ी - विषमांगी समांगी
वायु - विषमांगी
बर्फ - समांगी
सिरका - विषमांगी
मिट्टी - समांगी
छनी हुई चाय – विषमांगी
प्रश्न 6. आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है ?
उत्तर – यह निश्चित करने के लिए कि दिया गया रंगहीन द्रव शुद्ध जल है, उसके क्वथनांक की जाँच करेगे । शुद्ध जल 373 K ताप और साधारण वायुमंडलीय दाब ( 1 atm) पर खौलता है, परन्तु लवणमिश्रित जल 373K से अधिक ताप पर खौलेगा। शुद्ध जल रंगहीन, स्वादहीन और गंधहीन होता है। शुद्ध जल का आपेक्षिक गुणनफल स्थिर होता है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ हैं?
(a) बर्फ (b) दूध (c) लोहा (d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (e) कैल्सियम ऑक्साइड (f) पारा (g) ईंट (h) लकड़ी और (i) वायु ।
उत्तर – लोहा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, कैल्शियम ऑक्साइड और पारा शुद्ध पदार्थ हैं।
प्रश्न 8. निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें ।
(a) मिट्टी (b) समुद्री जल (c) वायु (d) कोयला (e) सोडाजल
उत्तर – समुद्री जल और सोडाजल विलयन हैं ।
प्रश्न 9. निम्नलिखित में से कौन टिनडल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा ?
(a) नमक का घोल (b) दूध (c) कॉपर सल्फेट का विलयन तथा (d) स्टार्च विलयन ।
उत्तर- नमक का घोल और स्टार्च विलयन 'टिनडल प्रभाव' प्रदर्शित करेगे।
प्रश्न 10. निम्नलिखित को तत्त्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें:
(a) सोडियम (d) चाँदी (b) मिट्टी (c) चीनी का घोल (e) कैल्सियम कार्बोनेट (f) टिन (g) सिलिकन (h) कोयला (i) वायु (i) कार्बन डाइऑक्साइड (j) साबुन (k) मीथेन (l) रक्त
उत्तर : तत्त्व – सोडियम, चाँदी, टिन तथा सिलिकन ।
यौगिक – कैल्सियम कार्बोनेट, मीथेन तथा कार्बन डाइऑक्साइड ।
मिश्रण — मिट्टी, चीनी का घोल, कोयला, वायु, साबुन तथा रक्त ।
प्रश्न 11. निम्नलिखित में से कौन-कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं ?
(a) पौधों की वृद्धि
(b) लोहे में जंग लगना
(c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को मिलाना
(d) खाना पकाना
(e) भोजन का पाचन
(g) मोमबत्ती का जलना
(f) जल से बर्फ बनना
उत्तर – पौधों की वृद्धि, लोहे पर जंग लगना, भोजन का पकना, भोजन का - मोमवत्ती का जलना- ये सभी रासायनिक परिवर्तन हैं।
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