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Class 8th NCERT Science Solution Chapter 3 | BTC Science Class 8 All Answer Questions | फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन | कक्षा 8वीं विज्ञान अध्याय 3 | सभी प्रश्नों के उत्तर

Class 8th NCERT Science Solution Chapter 3  BTC Science Class 8 All Answer Questions  फसल   उत्पादन एवं प्रबंधन  कक्षा 8वीं विज्ञान अध्याय 3  सभी प्रश्नों के उत्तर
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प्रश्न 1. सही विकल्प चुनिए 
(i) धान की फसल है :
(क) रबी
(ख) खरीफ 
(ग) जायद
(घ) क एवं ख दोनों
(ii) चना की फसल है :
(क) खरीफ
(ख) रबी 
(ग) जायद
(घ) इनमें से कोई नहीं
(iii) उर्वरक है:
(क) कार्बनिक पदार्थ 
(ख) अकार्बनिक लवण 
(ग) क एवं ख दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
(iv) खरपतवार हटाने को कहते हैं : 
(क) जुताई 
(ख) सिंचाई
(ग) निराई 
(घ) कटाई
(v) अनाज का भण्डारण किया जाता है:
(क) जूट के बोरों में
(ख) धातु के पात्रों में
(ग) कोठियों में
(घ) FCI गोदामों में
(ङ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर : (i)→ (ख), (ii) → (ख), (iii) → (ख), (iv)→ (ग), (v)→ (ङ) ।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 
(i) मिट्टी को उलटने-पलटने की प्रक्रिया ....................... कहलाती है।
(ii) खाद ................... पदार्थों का मिश्रण है। 
(iii) धान एवं गन्ना में .................. सिंचाई की जरूरत होती है। 
(iv) केंचुए को किसानों का ..................... कहा जाता है ।
(v) फलदार पौधों को पानी देने का सबसे अच्छा तरीका .................... तंत्र है ।
उत्तर : (i) जुताई, (ii) कार्बनिक, (iii) अधिक, (iv) मित्र, (v) ड्रिप । 
प्रश्न 3. कॉलम A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम B से कीजिए :
कॉलम A
(i) खरीफ फसल 
(ii) रबी फसल
(iii) रासायनिक उर्वरक
(iv) कार्बनिक खाद 
(v) हार्वेस्टर
कॉलम B
(a) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(b) गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष
(c) धान एवं मक्का
(d) कटाई का यंत्र
(e) गेहूँ, चना, मटर कॉलम 
उत्तर- 
(i) खरीफ फसल - (c) धान एवं मक्का 
(ii) रबी फसल - (e) गेहूँ, चना, मटर 
(iii) रासायनिक उर्वरक - (a) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट 
(iv) कार्बनिक खाद - (b) गोबर, मूत्र एवं पादप अवशेष 
(v) हार्वेस्टर - (d) कटाई का यंत्र 

प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

प्रश्न (i) सिंचाई किसे कहते हैं ? इसकी आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर – सभी बीजों, पौधों और फल की वृद्धि एवं उनके संवर्द्धन के लिए जल आवश्यक है। पौधों की जड़ों द्वारा जल का अवशोषण होता है। पौधों में लगभग 90% जल होता है। जल के अभाव में बीजों में अंकुरण संभव नहीं हो सकता । जल में घुलने पर ही पोषकों का स्थानान्तरण पौधे के प्रत्येक भाग में होता है । यह फसल को पाले एव गर्मी से बचाता है। स्वस्थ फसल वृद्धि के लिए खेतों में नियमित रूप से जल देना आवश्यक होता है ।
विभिन्न अंतराल पर खेतों में जल देना सिंचाई कहलाता है। सिंचाई की आवश्यकता इसलिये होती है, ताकि पौधे सूखने नहीं पावें और उत्पादन अधिक हो । 
प्रश्न (ii) उर्वरक एवं खाद में क्या अन्तर है ? 
उत्तर – उर्वरक एवं खाद से निम्न प्रकार भिन्न है :

उर्वरक खाद

खाद

1. उर्वरक एक लवण है ।

खाद प्राकृतिक पदार्थ है जो गोबर, मानव अपशिष्ट एवं पौधों के अवशेष के विघटन से प्राप्त होती है और कार्बनिक लवण से भरपूर होती है।

2. उर्वरक का उत्पादन फैक्ट्रियों में होता है ।

खाद गड्ढों में बनाई जाती है।

3. उर्वरक से मिट्टी को ह्यूमस प्राप्त नहीं होता ।

खाद से मिट्टी को ह्यूमस प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है।

4. कि उर्वरक में पादप पोषक, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटैशियम प्रचुरता में होती है लेकिन मिट्टी शीघ्र ही अनुर्वर हो जाती है ।

खाद में पादप पोषक तुलनात्मक दृष्टि से कम होता है। लेकिन मिट्टी की उर्वरता बनी रहती  है।  

 

 प्रश्न (iii) जैविक खाद से क्या लाभ है ?
उत्तर – जैविक खाद से मिट्टी की जल सोखने की क्षमता बढ़ती है। इससे मिट्टी भुरभुरी तथा सरंध्र हो जाती है। इससे हवा का मिलना आसान होता है अर्थात् गैस विनिमय आसानी से होता है। मित्र जीवाणुओं की वृद्धि होती है। मिट्टी के गठन में सुधार होता है ।
प्रश्न (iv) खरपतवार क्या हैं ? हम उनका नियंत्रण कैसे कर सकते हैं? 
उत्तर – खेतों में कई अन्य अवांछित पौधे प्राकृतिक रूप से फसल के साथ ही उग आते हैं। इन्हीं अवांछित पौधों को खरपतवार कहते हैं ।
खरपतवार को निराई या निकौनी के द्वारा हम फसल से अलग कर सकते हैं और फसलों को खरपतवार से बचा सकते हैं । खरपतवारनाशी दवा का उपयोग कर भी खरपतवार पर नियंत्रण पाया जा सकता है ।
प्रश्न (v) फसलों की उपज में सुधार हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दीजिए।
उत्तर – फसलों की उपज में सुधार के लिए हमें चाहिए कि हम मिट्टी की तैयारी अच्छी प्रकार करें। जोताई या कोड़ाई कर मिट्टी को उलट-पलट देना चाहिए। बुआई या रोपाई के समय ध्यान रहे कि बीजों की दूरी कितनी रखी जाय। मौसम के अनुसार सिंचाई का भी प्रबंध करना चाहिए । धान को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। खेतों में कुछ अवांछित पौधे आपोआप उग आते हैं। उन्हें निकाल देना चाहिए। इस प्रक्रम को निकौनी कहते हैं। जब फसल पूरी तरह से तैयार हो जाय और पक जाय तो इसकी कटाई कर लेनी चाहिए । तब उपज की गहाई अर्थात् दौनी कर ओसौनी कर के साफ बोरों में अन्न को भरकर भंडार गृह में सुरक्षित रख देना चाहिए । 
प्रश्न (vi) केंचुए को 'किसानों का मित्र' कहा जाता है। क्यों ?
उत्तर - केंचुए खेतों में पाये जाते हैं। ये फसलों को हानि पहुँचाए बिना अपना जीवन निर्वाह करते हैं। ये मिट्टी खाते हैं और मिट्टी ही विष्टा रूप में उत्सर्जित करते हैं। उनके ये विष्टा खेतों की उपज शक्ति बढ़ाते हैं। इसी कारण केंचुओं को किसानों का मित्र कहा जाता है।

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